लखनऊ: राष्ट्रीय शिया समाज (आरएसएस) ने आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा का साथ देने का ऐलान किया है। आरएसएस के अध्यक्ष भाजपा विधान परिषद सदस्य बुक्कल नवाब ने आज बताया कि शिया मुसलमान अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का साथ देंगे। हम अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को छोड़कर दूसरा कोई भी दल शिया मुसलमानों के हितों का ख्याल नहीं रखता है, लिहाजा इस बार भी यह कौम भाजपा और मोदी का साथ देगी।
भाजपा का सहयोग करने के कारण के बारे में पूछे जाने पर नवाब ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कोशिशों की वजह से ही लखनऊ में शिया मुसलमानों के जुलूस पर लगा 20 साल पुराना प्रतिबंध खत्म हुआ था। उन्होंने कहा कि भाजपा ने ही केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, प्रदेश के राज्यमंत्री मोहसिन रजा, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ग़यूरुल हसन, उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हैदर अब्बास जैसे शिया मुसलमानों को अहम ओहदों पर बैठाया।
नवाब ने आरोप लगाया कि प्रदेश की पूर्ववर्ती सपा और बसपा सरकारों ने शिया मुसलमानों को प्रताड़ित किया। बसपा प्रमुख मायावती के राज में खुद उन्हें जेल में डाला गया था। वहीं, सपा के शासनकाल में उसके नेता आजम खां ने शिया समुदाय को सताने की हर मुमकिन कोशिश की। बाकी सियासी पार्टियों के रवैये को देखते हुए शिया समुदाय ने इस बार भाजपा का साथ देकर उसकी जीत सुनिश्चित की।
इस बीच, ऑल इण्डिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने अगले लोकसभा चुनाव में शिया मुसलमानों द्वारा भाजपा का साथ दिए जाने के बुक्कल नवाब के बयान पर कहा कि वह अभी इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहते। यह एक संवेदनशील मामला है और वह उलेमा से राय लेकर ही इस बारे में कुछ कह सकेंगे। शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि बुक्कल नवाब और उनके साथियों ने जो फैसला लिया है, वह उनकी निजी राय है। बाकी शिया समाज ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में किसी दल को समर्थन देने का अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।
उन्होंने कहा कि उलेमा के साथ बैठक करके सलाह-मशविरे के बाद ही इस बारे में कोई निर्णय लिया जाएगा। वर्ष 2016 में गठित हुए अपने संगठन का सूक्ष्म नाम आरएसएस रखे जाने के औचित्य के बारे में पूछे जाने पर बुक्कल नवाब ने कहा कि यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का ही एक अवतार है।