नागपुर/मुंबई: देश में दलितों पर बढ़ते हमलों के खिलाफ रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया (आरपीआई) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने मांग की है कि दलितों को आत्मरक्षा के लिए हथियार दिए जाएं। आरपीआई के अध्यक्ष रामदास अठावले ने नागपुर में कहा कि अगर पुलिस और सरकार दलितों पर हमले नहीं रोक सकतीं तो इन्हें आत्मरक्षा के लिए दलितों को हथियार का लाइसेंस देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार में दलितों पर हमले हो रहे थे और राजग सरकार में भी ये जारी हैं। "इसलिए दलितों के पास अपनी आत्मरक्षा करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है।"
अठावले और आरपीआई के कार्यकारी अध्यक्ष उत्तम खोबरागडे ने हरियाणा के फरीदाबाद जिले के सुनपेड़ गांव में दलितों की हत्या के मामले में विवादित बयान देने के लिए केंद्रीय मंत्री वी.के.सिंह की आलोचना की।
पूर्व सेनाध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री सिंह ने कहा था कि हर घटना के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं होती। कोई कुत्ते को पत्थर मार दे तो क्या इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी?
अठावले ने कहा, "वी.के.सिंह जैसा इंसान, जो देश का सैन्य प्रमुख रह चुका है, वह अगर ऐसा बयान देता है तो यह वाकई में बहुत खेदजनक है। मैं केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और (महाराष्ट्र के) मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से दलितों को हथियार देने पर बात करूंगा।"
मुंबई में खोबरागडे ने कहा कि सिंह के खिलाफ दलितों पर अत्याचार रोकने से जुड़े कानूनों के तहत मामला दर्ज किया जाए।
आरपीआई के दोनों नेताओं ने दलितों को हथियार दिए जाने की अपनी मांग को सही बताने के लिए बीते कुछ सालों में महाराष्ट्र समेत पूरे देश में दलितों के साथ होने वाली हिंसा के कई मामलों का जिक्र किया।