इंदौर: उत्तर प्रदेश में जारी विधानसभा चुनावों के बीच देश में दलितों की बुरी स्थिति का मुद्दा उठाते हुए भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के पीएचडी विद्यार्थी रोहित वेमुला की आत्महत्या से पहले इस दलित युवा का लिखा पत्र पढ़ने के बाद उन्हें रोना आ गया।
वरूण ने यहां के निजी विद्यालय विद्यासागर स्कूल में विचार नये भारत का विषय पर अपने व्याख्यान में कहा, पिछले साल हैदराबाद में दलित पीएचडी विद्यार्थी रोहित वेमुला ने अपनी जान ले ली। जब मैंने उसकी चिट्ठी पढ़ी, तो मुझे रोना आ गया। इस चिट्ठी में उसने यह कहा कि मैं अपनी जान इसलिये दे रहा हूं कि मैंने इस रूप में जन्म लेने का पाप किया है। यह पंक्ति पढ़कर मुझे ऐसा लगा कि किसी ने मेरे हृदय पर पत्थर डाल दिया।
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से 36 वर्षीय भाजपा सांसद ने मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में दलितों के साथ भेदभाव के पिछले महीने सामने आये मामले का भी जिक्र किया। वरूण ने कहा, टीकमगढ़ के एक स्कूल में 70 प्रतिशत बच्चों ने एक हफ्ते तक केवल इसलिये मध्यान्ह भोजन नहीं किया, क्योंकि खानसामा गरीब तबके के एक समुदाय का था। आखिर हम अपने बच्चों को क्या सिखा रहे हैं। आखिर यह देश और दुनिया किस तरफ जा रही है।
उन्होंने कहा, हमारा संविधान जाति और मजहब के आधार पर किसी भी नागरिक से भेदभाव नहीं करता। लेकिन वास्तविकता यह है कि हमारे देश में अनुसूचित जाति वर्ग के लगभग 37 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं। इस समुदाय के करीब आठ प्रतिशत बच्चे अपना पहला जन्मदिन मनाने से पहले ही गरीबी के कारण भगवान को प्यारे हो जाते हैं।