नई दिल्ली: रॉबर्ट वाड्रा ने रविवार को कहा कि उनके खिलाफ जारी मामले खत्म हो जाने पर वह लोगों की सेवा में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं जिससे उनके राजनीति में आने की अटकलें शुरू हो गईं। इस पर भाजपा ने व्यंग्य बाण छोड़ते हुए कहा कि ‘‘वाड्रा कांग्रेस की तरफ से प्रधानमंत्री पद’’ के उम्मीदवार हैं।
कांग्रेस ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा वाड्रा के राजनीति से जुड़ने की अटकलों को यह कहकर कमतर करने की कोशिश की कि वह लंबे समय से गैर सरकारी संगठनों से जुड़े रहे हैं और उन्होंने समाज के लिए काम किया है। यह हर किसी का दायित्व है कि वह अपने गुणों का इस्तेमाल लोगों की सेवा के लिए करे।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा से जब संवाददाता सम्मेलन में वाड्रा के राजनीति से जुड़ने के ‘‘संकेत’’ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘क्या उन्हें लोगों से जुड़े काम करने के लिए मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) से अनुमति लेनी होगी?’’ खेड़ा ने कहा कि इन संकेतों का निहितार्थ मीडिया को निकालना है।
वाड्रा ने अपने फेसबुक पोस्ट में देश के विभिन्न भागों, खासकर उत्तर प्रदेश में प्रचार और अपने काम के दौरान गुजारे गए वर्षों और महीनों के बारे में लिखा तथा दावा किया कि इससे उन्हें लोगों के लिए और अधिक काम करने की प्रेरणा मिली। कांग्रेस महासचिव एवं पार्टी की पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी के पति वाड्रा ने कहा, ‘‘इन सभी वर्षों के अनुभव और सीख को व्यर्थ नहीं किया जा सकता...और इसका बेहतर इस्तेमाल किया जाना चाहिए...एक बार इन आरोप-प्रत्यारोपों के खत्म हो जाने पर, मुझे लगता है कि मुझे लोगों की सेवा में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए।’’
प्रियंका गांधी हाल में सक्रिय राजनीति में आई थी और उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया गया था। जांच एजेंसियां उनसे कथित भ्रष्टाचार और धनशोधन के आपराधिक मामलों में पूछताछ कर रही हैं जिन्हें वे राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज करते रहे हैं।
वाड्रा ने अपने पोस्ट में आरोप लगाया कि विभिन्न सरकारों ने उनकी छवि को धूमिल किया है और उनके नाम का इस्तेमाल देश के वास्तविक मुद्दों से हटाने के लिए किया गया है। भाजपा ने वाड्रा के राजनीति में आने के संकेत से जुड़ी खबर पोस्ट करते हुए ट्वीट के जरिए कांग्रेस पर हमला बोला। भाजपा ने ट्वीट किया, ‘‘पेश है लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार।’’
भाजपा ने प्राय: विपक्षी पार्टी पर निशाना साधने के लिए वाड्रा से जुड़े विवादास्पद भूमि सौदों का हवाला देते हुए दावा किया है कि यह संप्रग शासन के तहत ‘‘भ्रष्टाचार’’ का प्रतीक है।