नई दिल्ली: आरजेडी ने आज कहा कि बिहार में जदयू-राजग गठबंधन को सरकार बनाने के लिए राज्यपाल के आमंत्रण के खिलाफ वह एक हफ्ते के अंदर अदालत का दरवाजा खटखटाएगी। इसके साथ ही पार्टी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाना बनाते हुए जनादेश पर डाका का आरोप लगाया।
आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने कहा, हम अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे और जनता की अदालत में भी जाएंगे और लोगों को बताएंगे कि दोनों पार्टियां भाजपा और जदयू किस प्रकार की राजनीति कर रही हैं। राजद नेता ने नीतीश कुमार को चुनौती दी कि वह दलित, महादलित और अन्य पिछड़े वर्ग वाले लोगों के प्रभाव वाले किसी क्षेत्र में सभा करें। उन्होंने दावा किया कि कुमार को लोगों के रोष का सामना करना पड़ेगा।
राजद नेता ने कहा कि हर जनादेश का अपना एक चरित्र होता है और बिहार में दलितों, अल्पसंख्यकों और ऊंची जातियों के कुछ प्रगतिशशील तबकों ने पूर्ववती सरकार के लिए मतदान किया था। लेकिन जदयू के महागठबंधन के तोड़ देने से वह जनादेश गिर गया है।
झा ने यहां एक कार्यक्रम से इतर कहा कि युवाओं सहित बिहार के लोगों ने समावेशी बिहार के लिए जो जनादेश दिया था, उसपर डाके से वे छला हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए कुमार को आमंत्रित करने का राज्यपाल का फैसला बोम्मई मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले का स्पष्ट उल्लंघन है।
उन्होंने कहा, एसआर बोम्मई मामले के फैसले के अनुसार सरकार गठित करने की संभावना तलाश करने के लिए सबसे बड़े दल या चुनावी गठबंधन को बुलाना अनिवार्य है। झा ने कहा, हम जल्दी ही अदालत जाएंगे, एक सप्ताह के अंदर। उन्होंने कहा कि पार्टी जनता की अदालत में जाएगी और उन्हें भाजपा द्वारा रची गयी साजिश के बारे में बताएंगे।
नीतीश पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह संघ-मुक्त भारत की बात कर रहे थे और अब उन्होंने संघ-युक्त बिहार बना दिया है। झा ने कहा, हम गलत थे कि नीतीश कुमार के हर शब्द पर भरोसा कर रहे थे...। पिछले एक साल से वह आरएसएस के मुख्यालय नागपुर की पटकथा के अनुसार चल रहे थे।