नई दिल्ली: ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस का दामन छोड़ने के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में उठापटक तेज हो गई है, या यूं कहें रिजॉर्ट पॉलिटिक्स शुरू हो गई है। बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों पार्टियां अपने विधायकों को एकजुट करने के अभियान में जुट गई है। बीजेपी ने भोपाल से सभी विधायकों को देर रात दिल्ली बुलाया और वहां से मानेसर भेज दिया तो वहीं कांग्रेस अपने विधायकों को जयपुर बुला सकती है। साथ ही कांग्रेस के बागी विधायकों को बेंगलुरु रखा गया है जिन्हें कांग्रेस मनाने के जुगाड़ में लगी है।
कल सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया और जिस अंदाज में अपने 22 समर्थक विधायकों का भी इस्तीफा दिलवाया उससे कांग्रेस की कमजोरी एक बार फिर उभरकर सामने आ गई और इसी के साथ ही एमपी में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनने का रास्ता भी साफ हो गया लेकिन इस सियासी उठापटक के बीच बीजेपी और कांग्रेस का विधायक बचाओ अभियान भी शुरू हो गया है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान अपने सभी विधायकों को भोपाल से लेकर गुरूग्राम पहुंच गए हैं। बीजेपी विधायकों को हरियाणा के गुरुग्राम में आईटीसी ग्रैंड भारत में ठहराया गया है। विधायकों को गुरूग्राम लाए जाने पर जब बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके विधायक यहां होली मनाने आए हैं।
मध्य प्रदेश में जारी सियासी ड्रामे के बीच सीएम कमलनाथ ने दावा किया कि उनके पास बहुमत है। कमलनाथ ने मंगलवार शाम कहा, 'घबराने की जरूरत नहीं है, हम बहुमत साबित करेंगे। हमारी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। जिन्हें इन लोगों ने कैद करके रखा है, वे मेरे संपर्क में हैं।'
बता दें कि कल की तरह आज भी मध्य प्रदेश की सियासत के लिए अहम दिन साबित हो सकता है। आज दोपहर जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में औपचारिक तौर पर शामिल हो सकते हैं वहीं 15 महीने बाद एमपी में शिवराज की ताजपोशी की तैयारी भी आज शुरू हो सकती है। वहीं कांग्रेस भी अपने विधायकों को बचाने के लिए जयपुर भेजने की तैयारी में है।