लखनऊ: म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर अत्याचार के खिलाफ विभिन्न धर्मों के भारतीय धर्म गुरुओं ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया। ऐशबाग ईदगाह में जुमे की नमाज़ के बाद विभिन्न धर्म गुरुओं ने प्रदर्शन किया और अत्याचार करने वालों को आतंकवादी बताकर भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र से म्यांमार सरकार का बहिष्कार करने तथा ऑग सॉन सूकी का नोबल शांति पुरस्कार वापस लेने की माग की।
प्रदर्शन का ओयोजन ऑल इंडिया रिलीजंस युनाइटेड फ्रंट्स, इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया, दारुल उलूम फरंगी महल और ऑल इंडिया सुन्नी बोर्ड के साथ ही विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने किया था।
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि म्यांमार में निर्दोष रोहिंग्या मुसलमानों पर अत्याचार हो रहा है। गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि म्यांमर में हो रहे जुल्म मानवता पर हमला है। स्वामी सारंग ने कहा कि हिंदुस्तानी महात्मा गांधी की अहिंसा की शिक्षा पर अमल करते हैं, इसलिए हमें ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करनी चाहिए। फादर डॉनल्ड डिसूजा ने कहा कि ईसा मसीह ने हर निर्दोष की मदद करने की शिक्षा दी है। इसलिए हमारी ज़िम्मेदारी है कि रोहिंग्या में हो रहे ज़ुल्म को रोकने लिए सरकार पर दबाव बनाएं।