रीना आर्या
किसी न किसी तरीके से आपके सामने ही आपके सगे आपको दगा दे जाते हैं। जब से आपकी सरकार बनी है, तबसे लेकर आपके साथी आपका साथ तो छोड़ते ही हैं बल्कि अच्छे से आपकी खामियों का ढिंढोरा पीटते हैं। ऐसा तो है नहीं कि हर कोई ‘सरजी’ से खफा होगा। ‘सरजी’ 'आप' अपने आप को भले ही शोषित समझते हों, लेकिन कहीं न कोई तो खामी रही होगी जो 'आप' फंस जाते हैं। केंद्र सरकार पर आरोप तो ठीक हैं लेकिन जब अपने ही 'आप' पर हर तीसरे और चौथे दिन आरोप लगा दें तो कहीं न कहीं तो गड़बड़ है। राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप तो चलता ही है लेकिन जिस तरीके से 'आप' हर बार केंद्र सरकार को बीच में ले आते हैं उससे तो ये ही लगता है कि 'आप' भी उसे अपने साथ लेकर एक इमोश्नल कार्ड खेल रहे हैं।
लेकिन ज्यादा दिन तक ये नहीं चलेगा ऐसा लगता है। मुख्य सचिव के साथ मारपीट के मामले में ही आपके खुद के सलाहाकार ने आपकी किरकिरी करा दी। खुद बयान दिया कि मुख्य सचिव के साथ मारपीट हुई थी। अगर आप ये कह कर बच जाएं कि दबाव में आकर उन्होने ऐसा बोला तो ये कही से भी गले नहीं उतरता कि कोई किसी पर इतना दबाव नहीं बना सकता कि वो इतनी जल्दी टूट जाए और ये सब बोल दे। अगर वो ईमानदार हैं तो सुना है कि ईमानदार लोग जल्दी टूटते नहीं। इससे पहले भी कई मसले सामने आए हैं जहां आपके खुद अपनों इस तरह का ढिंढोरा पीटा है और कई तो आपके साथ होकर आपकी किरकिरी करते हैं। ‘सरजी’देख लीजिये ये कब तक चलेगा।
और तो और अब आपके एक विधायक ने आपको फिर सुर्खियों में ला दिया। अभी तक तो दो ही किरकिरी करवा रहे थे अब एक और विधायक ने आपके सामने खुलेआम धमकियों की बौछार कर दी। पब्लिक मीटिंग में 'आप' की मौजूदगी में कहा कि सरकारी अफसरों की मारना चाहिए, ठोकना चाहिए। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या CCTV कैमरों से छेड़छाड़ की गई? क्या मुख्य सचिव से मारपीट कोई साजिश थी? दूर तलक जाने के लिए इतना नासमझ होना कैसे चलेगा ‘सरजी’? 'गोली का जवाब गोले से' देना भी कूटनीति होता है ‘सरजी’।
(ब्लॉग लेखिका रीना आर्या इंडिया टीवी में कार्यरत है और शिक्षा, राजनीति एवं समाजिक विषयों पर लेखन में रुचि रखती हैं)