नई दिल्ली: शिवसेना नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने इंदिरा गांधी और करीम लाला को लेकर दिया बयान वापस ले लिया है। संजय राउत ने कांग्रेस की नाराजगी के बाद यह कदम उठाया है। कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा और संजय निरुपम ने संजय राउत से अपनी टिप्पणी वापस लेने को कहा था। पूर्व केन्द्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने इंदिरा गांधी को एक सच्चा देशभक्त बताया, जिन्होंने कभी भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया। महाराष्ट्र में राउत की पार्टी शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन के साथ सत्ता में है।
राउत ने बुधवार को दावा किया था कि इंदिरा गांधी करीम लाला से मुम्बई में मुलाकात करती थीं। करीम लाला, मस्तान मिर्जा उर्फ हाजी मस्तान और वरदराजन मुदलियार मुम्बई के बड़े माफिया सरगना थे, जो 1960 से लेकर अस्सी के दशक तक सक्रिय रहे। देवड़ा ने कहा कि राजनेताओं को उन प्रधानमंत्रियों की विरासत गलत तरीके से पेश करने से बचना चाहिए, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘इंदिरा जी एक सच्ची देशभक्त थीं, जिन्होंने कभी भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया।’’ देवड़ा ने कहा, ‘‘कांग्रेस की मुम्बई इकाई का पूर्व अध्यक्ष होने के नाते मैं संजय राउत जी से उनके गलत बयान को वापस लेने का अनुरोध करता हूं। राजनेताओं को दिवंगत प्रधानमंत्रियों की विरासत को गलत तरीके से पेश करने से बचना चाहिए।’’
मुम्बई कांग्रेस के एक और पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम ने कहा कि राउत ने गांधी के खिलाफ अगर झूठा अभियान जारी रखा तो उन्हें पछताना पड़ेगा। राउत द्वारा ट्विटर पर अक्सर दूसरों की कविताएं साझा किए जाने का संदर्भ देते हुए निरुपम ने कहा कि बेहतर होगा कि अगर शिवसेना नेता कविताओं से महाराष्ट्र का मनोरंजन करने पर भी ध्यान दें।
निरुपम ने ट्वीट किया, ‘‘बेहतर होगा कि शिवसेना के मिस्टर शायर दूसरों की हल्की-फुल्की शायरी-कविताएं सुनाकर महाराष्ट्र का मनोरंजन करते रहें। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ दुष्प्रचार करेंगे तो उन्हें पछताना पड़ेगा। कल उन्होंने इंदिरा गांधी के बारे में जो बयान दिया है वह उन्हें वापस लेना चाहिए।’’