नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। बसपा नेता का आरोप है कि उन्हें दलितों के खिलाफ अत्याचार का मुद्दा राज्यसभा में उठाने नहीं दिया गया। बता दें कि नाराज मायावती ने कहा था कि वह सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगी। इसके कुछ घंटों बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
उपसभापति से हुई बहस
दरअसल, राज्यसभा में मायावती को बोलने के लिए तीन मिनट का समय मिला था और उन्होंने सात मिनट लिए। इसके बाद उनकी उपसभापति पीजे कुरियन से बहस हुई। उपसभापति ने कहा कि हर वक्ता के लिए तीन मिनट तय किए गए हैं और उन्होंने मायावती से अपनी बात खत्म करने को कहा।
जब वे लगातार बोलती रहीं तो कुरियन ने उन्हें बार-बार बैठने को कहा। इस पर मायावती ने कहा, मुझे बोलने की अनुमति नहीं दी जाती है तो मैं आज ही इस्तीफा दे रही हूं।
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राज्यसभा में उठाया था सहारनपुर हिंसा का मुद्दा
बता दें कि मायावती ने राज्यसभा में सहारनपुर हिंसा का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में दलितों पर आए दिन अत्याचार हो रहे हैं। मायावती के इस आरोप से सत्तारुढ़ दल के सदस्य बिगड़ गए और सदन में शोर शराब होने लगा। इस पर मायावती ने कहा कि अगर उन्हें बोलने नहीं दिया गया तो वह राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे देंगी।
'अगर मैं दलितों के हितों की बात नहीं उठा सकती तो मेरे राज्यसभा में रहने पर लानत है'
उन्होंने कहा था- ''अगर मैं सदन में दलितों के हितों की बात नहीं उठा सकती तो मेरे राज्यसभा में रहने पर लानत है। मैं अपने समाज की रक्षा नहीं कर पा रही हूं। अगर मुझे अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जा रहा है तो मुझे सदन में रहने का अधिकार नहीं है। मैं सदन की सदस्यता से आज ही इस्तीफा दे रही हूं।'’
इसके बाद नोंकझोंक के बीच मायावती राज्यसभा से बाहर चली गईं। उनके समर्थन में कांग्रेस और तृणमूल सांसदों ने भी वॉकआउट कर दिया।