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सत्ता पर काबिज होकर नफरत, खूनखराबा और डर पैदा कर रहे लोग हैं असल गुनहगार: उमर खालिद

उमर खालिद पर कल संसद भवन से कुछ ही दूरी पर स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के बाहर हुए हमले ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Edited by: India TV News Desk
Published on: August 14, 2018 21:21 IST
umar khalid- India TV Hindi
Image Source : PTI Jawaharlal Nehru University (JNU) student Umar Khalid

नई दिल्ली: एक अज्ञात हमलावर की ओर से किए गए हमले के एक दिन बाद जेएनयू के छात्र उमर खालिद ने आज आरोप लगाया कि असल दोषी वे लोग हैं जो सत्ता पर काबिज होकर ‘‘नफरत, खूनखराबा और डर’’ पैदा कर रहे हैं और जो ‘‘हत्यारों और भीड़ में शामिल होकर किसी की जान ले लेने वालों’’ को पूरी तरह छूट दे रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने उमर पर हमले की जांच का जिम्मा आज अपनी विशेष शाखा को सौंप दिया। संयोगवश, विशेष शाखा उमर और दो अन्य छात्रों के खिलाफ देशद्रोह के पुराने मामले की जांच पहले से कर रही है।

उमर ने अपने नाम से पहले ‘‘टुकड़े टुकड़े’’ लिखकर इसके साथ हैशटैग का इस्तेमाल करने का जिक्र करते हुए कहा कि वह तो भाजपा के नेता हैं जो ‘‘उन लोगों का खुलकर समर्थन करते हैं जो कहते हैं कि यदि कोई खास फिल्म रिलीज हुई तो वे देश के टुकड़े-टुकड़े कर देंगे।’’ उसने यह आरोप भी लगाया कि बगैर किसी साक्ष्य या आरोप-पत्र के वह पिछले दो साल से मीडिया ट्रायल का शिकार रहा है।

उमर पर कल संसद भवन से कुछ ही दूरी पर स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के बाहर हुए हमले ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आज उमर ने एक फेसबुक पोस्ट में सरकार पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि पिछले दो साल में उसने जब भी दिल्ली पुलिस से सुरक्षा मांगी तो उनकी प्रतिक्रिया बेहद ‘‘निर्दयी’’ रही। अपने फेसबुक पोस्ट में उमर ने पत्रकार गौरी लंकेश के साथ अपनी एक तस्वीर डाली है।

गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में बेंगलूर में गौरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमर ने लिखा है, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में मुझे लगातार मिल रही जान से मारने की धमकी और एक के बाद एक कार्यकर्ता की हत्या देखकर पता नहीं क्यों मुझे लगता है कि किसी दिन एक बंदूक मुझ पर भी चलेगी।’’ उसने लिखा, ‘‘दाभोलकर, कलबुर्गी, पानसरे, गौरी लंकेश...हत्या की सूची लगातार बढ़ती जा रही है। लेकिन क्या मैं कह सकता हूं कि मैं इसके लिए तैयार हूं? क्या कोई कह सकता है कि वे इस हकीकत के लिए तैयार थे? नहीं।’’

उमर ने कहा कि तथ्य है कि स्वतंत्रता दिवस के महज दो दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी के उच्च सुरक्षा वाले जोन में बंदूकधारी ने उनपर हमला किया। यह साबित करता है कि मौजूदा शासन में किस तरह कुछ लोगों को छूट मिली हुई है। उन्होंने कहा कि वह असल हमलावर को नहीं जानते लेकिन कहा कि वे असल गुनहगार नहीं थे। फेसबुक पर अपने पोस्ट में उन्होंने कहा, ‘‘असली गुनहगार वे हैं जो सत्ता की अपनी कुर्सी से नफरत, खूनखराबा और डर का माहौल पैदा कर रहे हैं। असल गुनहगार वे लोग हैं जिन्होंने हत्यारों और भीड़ के हमलावरों को पूरी तरह छूट दे रखी है।’’

उमर ने कहा, ‘‘असल गुनहगार सत्ताधारी दल के वे प्रवक्ता और प्राइम टाइम के एंकर और टीवी चैनल हैं जो मेरे बारे में बेबुनियाद खबर फैला रहे हैं, झूठ के आधार पर मुझे देशद्रोही करार दे रहे हैं और मेरे खिलाफ पीट पीट कर मार डालने वाली भीड़ को उकसा रहे हैं। ’’ उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में उन्हें बिना किसी सबूत या आरोप-पत्र के मीडिया ट्रायल का शिकार होना पड़ा है।

उमर ने पूछा, ‘‘मेरे नाम के आरंभ में टुकड़े टुकड़े जैसा हैशटैग क्यों जोड़ा गया, जबकि भाजपा नेता उन लोगों का खुलेआम समर्थन करते हैं जो कहते हैं कि अगर एक खास फिल्म रिलीज हुई तो वे देश के टुकड़े टुकड़े कर देंगे। ’’

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