Friday, November 22, 2024
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भाजपा-आरएसएस से लड़ने को तैयार, लेकिन पार्टी अध्यक्ष के रूप में नहीं : राहुल गांधी

पार्टी के एक नेता ने आईएएनएस से कहा कि राहुल अपने इस्तीफे को लेकर काफी दृढ़ हैं। वह पार्टी नेताओं के इस सुझाव को भी नहीं मान रहे हैं कि वह अध्यक्ष रहते हुए पार्टी के रोजमर्रा के कामों के लिए किसी को कार्यवाहक अध्यक्ष या उप प्रमुख नियुक्त कर दें।

Reported by: IANS
Published on: May 28, 2019 23:44 IST
rahul gandhi- India TV Hindi
Image Source : PTI अपनी मां सोनिया गंधी के साथ राहुल गांधी

नई दिल्ली। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में नेताओं से कहा कि वह भाजपा और आरएसएस से विचारधारा की लड़ाई को आगे ले जाने के लिए तैयार हैं, लेकिन वह पार्टी के रोजमर्रा के कामों में नहीं उलझे रहना चाहते और इसलिए गांधी-नेहरू परिवार से बाहर का कोई नया पार्टी अध्यक्ष चुना जाना चाहिए।

पार्टी के एक नेता ने आईएएनएस से कहा कि राहुल अपने इस्तीफे को लेकर काफी दृढ़ हैं। वह पार्टी नेताओं के इस सुझाव को भी नहीं मान रहे हैं कि वह अध्यक्ष रहते हुए पार्टी के रोजमर्रा के कामों के लिए किसी को कार्यवाहक अध्यक्ष या उप प्रमुख नियुक्त कर दें।

आम चुनाव में कांग्रेस की करारी हार की समीक्षा के लिए बुलाई गई सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल ने हार की नैतिक जिम्मेदारी ली और कहा कि वह अपनी जगह चुने जाने वाले नए अध्यक्ष के साथ सक्रियता से काम करेंगे।

ऐसा माना जा रहा है कि बैठक में उन्होंने कहा कि भाजपा और इसके वैचारिक संरक्षक आरएसएस के खिलाफ विचारधारा की लड़ाई भारत की जरूरत है और वह इसके लिए तैयार हैं, लेकिन वह जिला कांग्रेस प्रमुखों की नियुक्ति जैसे कामों में उलझना नहीं चाहते, क्योंकि यह काम काफी समय ले लेते हैं।

पार्टी नेता ने कहा, "उन्होंने सीडब्ल्यूसी की बैठक में कहा कि वह (स्थिति से) भाग नहीं रहे हैं।"

इस्तीफे के फैसले पर अटल रहते हुए उन्होंने कहा कि नया अध्यक्ष 'परिवार से नहीं होना चाहिए' और उन्होंने उन नेताओं का जिक्र किया, जो नेहरू-गांधी परिवार के नहीं थे और जिन्होंने पार्टी का नेतृत्व किया था। जब राहुल फैसले पर अटल रहे तो बैठक में शोर उठा कि वह किसी को कार्यवाहक अध्यक्ष या उपाध्यक्ष नियुक्त कर दें। लेकिन, राहुल नहीं माने।

बैठक में कुछ लोगों ने ईवीएम से कथित छेड़छाड़ का मुद्दा उठाया, लेकिन अन्य ने कहा कि बिना सबूत के कुछ नहीं कहा जाना चाहिए। सीडब्ल्यूसी ने शनिवार को सर्वसम्मति से राहुल के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया और उनसे इस चुनौतीपूर्ण समय में पार्टी का नेतृत्व संभाले रहने की गुजारिश की। हालांकि, राहुल अभी तक इस्तीफे के अपने फैसले पर कायम हैं।

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