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रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर लगाए गंभीर आरोप, अपने चीनी संपर्कों से पूछें बॉर्डर का हाल

केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने राहुल पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें अपने चीनी संपर्कों से जानकारी लेने को कहा है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 12, 2020 16:44 IST
Rahul Gandhi- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Rahul Gandhi

भारत चीन सीमा विवाद के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा सार्वजनिक मंच पर वार्ता की जानकारी मांगे जाने पर सरकार अब आक्रामक रुख में आ गई है। केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने राहुल पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें अपने चीनी संपर्कों से जानकारी लेने को कहा है। बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि ‘‘लद्दाख में चीनी हमारे क्षेत्र में दाखिल हो गए। इस बीच, प्रधानमंत्री पूरी तरह खामोश हैं और कहीं नजर नहीं आ रहे।’’

केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री से भारत चीन बातचीत की संवेदनशील जानकारी लोगों से साझा करने की मांग कर रहे हैं। मुझे लगता है कि राहुल के पास अपनी एक समानांतर सूचना प्रणाली है। क्या वे डोकलाम संकट के दौरान चीनी राजदूत से नहीं मिले थे? उन्होंने इस बात से पहले इंकार कर दिया था। लेकिन बाद में जनता के आक्रोश के बाद उन्होंने इसे स्वीकार किया। 

पूर्व सैनिकों ने भी की राहुल की निंदा

सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त अधिकारियों के एक समूह ने लद्दाख सीमा विवाद से निपटने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा केंद्र सरकार की आलोचना किए जाने को ‘‘अवांछनीय एवं निंदनीय‘‘ करार दिया है। सेवानिवृत्त अधिकारियों ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान पर गांधी के, पूर्व में दिए गए बयानों को पाकिस्तान सरकार एवं सेना ने ‘‘इस्तेमाल किया और उनका समर्थन किया, जिससे राष्ट्र विरोधी ताकतों को बढ़ावा मिला।’’ इन सेवानिवृत्त अधिकारियों में एयर वाइस मार्शल (सेवानिवृत्त) संजीब बोरदोलोई, एयर कमोडोर (सेवानिवृत्त) पी सी ग्रोवर और ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) दिनकर अदीब शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए सैन्य महत्ता के मामलों को इस तरह तोड़ना-मरोड़ना अत्यंत निंदनीय है। निस्संदेह, इस प्रकार के बयान हमेशा हमारे उन सशस्त्र बलों का मनोबल और अदम्य साहस कमजोर करते हैं, जिन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पेशेवर बल के रूप में जाना जाता है और जो आजादी के बाद से सक्रिय रहे हैं।’’ उन्होंने 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध का भी जिक्र किया और रेखांकित किया कि उस समय भारत का नेतृत्व जवाहरलाल नेहरू ने किया था। 

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