नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि महाराष्ट्र में विकास नहीं वसूली हो रही है, वहां महावसूली अघाडी है। महाराष्ट्र जैसे बड़े प्रदेश में आईपीएस और बड़े पुलिस पदाधिकारियों के ट्रांस्फर और पोस्टिंग में सीधा वसूली हो रही है, हमें उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री कार्रवाई करेंगे, लेकिन दोषियों पर कार्रवाई करने के बजाय एक महिला अधिकारी पर कार्रवाई की और उन्हें हटाकर वहां से पदोन्नत करके कहीं और पोस्ट कर दिया। दोनों डीजीपी-सुबोध जायसवाल ने और रश्मि शुक्ला-ने महाराष्ट्र छोड़ दिया।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, "ये क्या हो रहा है महाराष्ट्र में, मतलब आर डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, महाराष्ट्र जैसे बड़े सेंसेटिव स्टेट, वहां पर डीजीपी अपने एक अधिकारी की रिपोर्ट सीएम को भेज रहे हैं और कार्रवाई के लिए कह रहे हैं, कार्रवाई तो दूर दोनो इन इमानदार अधिकारियों को दंडित किया गया। इससे बड़ा दुर्भाग्य हो नहीं सकता।"
उन्होंने यह भी कहा कि सचिन वाजे 15-16 वर्ष तक बर्खास्त था, फिर शिवसेना का सदस्य बनता है, कोरोना काल में उसकी वापसी कराई जाती है, उसकी वापसी होने के साथ एंटीलिया की घटना सामने आती है, उसके बाद उन्हे 100 करोड़ वसूली का टारगेट दिया जाता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "जो स्कॉर्पियो गाड़ी मिली थी उसमें विस्फोटक था, NIA में यह एक शेड्यूल्ड अपराध है और उसकी जांच NIA करता है और कर भी रहा है। NIA के सेक्शन 8 में एक और बात का प्रावधान है कि अगर कोई केंस से जुड़ा अपराध होता है तो उसकी भी जांच NIA ही करेगी। NIA ने मनसुख हिरेन की मृत्यु या हत्या की जांच उन्हें दे दी जाए, क्योंकि उसके तार जुड़े हुए हैं, लेकिन अभी तक महाराष्ट्र सरकार ने उसे NIA को नहीं दिया है।"
उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र सरकार को कौन चला रहा है, क्या यह महाराष्ट्र के इतिहास की सबसे भ्रमित सरकार नहीं है जिसके नेता तो कुर्सी पर हैं लेकिन उनके पास अथॉरिटी नहीं है, अगर सेना के लोगों से पूछा जाए तो वे कहते हैं एनसीपी से पूछो और अगर एनसीपी से पूछो तो वो कहते हैं मुख्यमंत्री से पूछो और अगर कांग्रेस से पूछें तो वो कहती है कि हमारे दो बड़े पार्टरनर हैं वो बताएंगे।"
शरद पवार के बारे में उन्होंने कहा कि वो देश के बड़े नेता हैं, 4 बार मुख्यमंत्री रहे हैं, भारत सरकार के रक्षामंत्री रहे हैं, और देश में उनका एक सियासी रसूख है। कल उनसे क्या बुलवा दिया गया भाई। शरद पवार जी की ऐसी क्या मजबूरी है कि गृहमंत्री जी को इतना डिफेंड कर रहे हैं, पहले कहा गया कि क्वॉरंटीन में हैं तो पता चला की प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे।
उन्होंने कहा, "आप एक चीज बता दीजिए कि कोई व्यक्ति अगर कोरोना से ग्रसित है तो क्या आप उसकी प्रेस में जाएंगे और क्या उनकी बाइट लेंगे और वे भी ऐसे गृहमंत्री जिन्होंने मास्क भी नहीं पहना था। किसे मूर्ख बनाया जा रहा है, इस सवाल का जवाब शरद पवार जी को देना पड़ेगा। मुंबई की पुलिस उन सभी का मूवमेंट रिकॉर्ड करते हैं जिन्हें जेड प्लस सुरक्षा है। उनका प्लेन मूवमेंट हुआ, अगर वो बीमार हैं तो क्या प्लेन में जा सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "मैं ये नहीं कहूंगा कि क्वारंटीन एक बहाना है लेकिन ये सारी चीजें बड़े सवाल खड़े करते हैं। शरद पवार जी आप ये क्यों बोल गए, आपकी एक विश्वसनीयता है, आप एक बड़े नेता हैं और हम भी आपकी इज्जत करते हैं। आपके ऊपर ऐसा क्या दबाव था कि आपको गलत तथ्यों के आधार पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री का बचाव करना पड़ा। शरद पवार की राजनीतिक साख पर जो धब्बा लगा है उसको साफ करने का एकमात्र रास्ता है कि अनिल देशमुख का गृहमंत्री पद से त्यागपत्र करवाइए।"
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