भुवनेश्वर: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने आज मायावती पर निशाना साधते हुए उनकी पार्टी बसपा पर अपनी पार्टी का चुनाव चिह्न हाथी हड़पने का आरोप लगाया और कहा कि वे उसे वापस छीन लेंगे।
दलित नेता और केंद्रीय सामाजिक अधिकारिता एवं सशक्तिकरण राज्य मंत्री ने कहा, ‘हाथी मूल रूप से रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया का चिह्न था लेकिन आरपीआई के बंटवारे और बसपा के उदय के साथ मायावती ने इसे हड़प लिया।’ अठावले ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश जाएंगे जहां अगले साल चुनाव होने वाले हैं और बसपा से हाथी का चिह्न छीनने के लिए हरसंभव कोशिश की जाएंगी।
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उन्होंने कहा कि आरपीआई महाराष्ट्र के अलावा ओडिशा, पश्चिम बंगाल और असम में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है और भीमराव अंबेडकर के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह पाने वाले वह पहले व्यक्ति हैं। अंबेडकर जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व वाले पहले कैबिनेट में मंत्री थे।
अठावले ने कहा कि जहां नरेंद्र मोदी सरकार दलितों के कल्याण और उनपर होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिए काफी उपाय कर रही है, वहीं बसपा का आधार खिसक रहा है और मौजूदा स्थिति से आरपीआई को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि आरपीआई बसपा से कहीं ज्यादा पुरानी पार्टी है जिसकी उत्तर प्रदेश में गहरी जड़ें हैं। 1967 में उत्तर प्रदेश में पार्टी के 16 विधायक थे और उसके चार नेता मंत्री थे।
अठावले ने कहा कि आरपीआई के लिए यह अपना राजनीतिक आधार वापस हासिल करने और समाज में दलितों की स्थिति को बेहतर करने एवं उनके संवैधानिक अधिकार सुनिश्चित करने की खातिर पूरे दिल से काम करने का समय है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने अंबेडकर के सम्मान के तौर पर दलितों के लिए कई कदम उठाए हैं।