नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने मंगलवार को राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद समेत 4 सांसदों को विदाई देते वक्त अपनी बातों से एक बार फिर सदन के माहौल को हास्य से भर दिया। रामदास अठावले अपनी तुकबंदियों के कारण मशहूर हैं और आज फिर उन्होंने तुकबंदियों में अपनी बात कही। केंद्रीय मंत्री ने अपनी पहली तुकबंदी में कहा, ‘राज्यसभा छोड़कर जा रहे गुलाम नबी, हम मिलते रहेंगे आपको कभी-कभी।’ अठावले की पहली तुकबंदी पर ही पूरा सदन हंस पड़ा। इसके बाद तो रामदास अठावले पूरी तरह कवि के अंदाज में आ गए और एक से बढ़कर एक तुकबंदी सुनानी शुरू कर दी।
‘आपका नाम है गुलाम लेकिन हमेशा रहे आजाद’
अठावले ने आगे कहा, 'आपका नाम है गुलाम, इसलिए मैं आपको करता हूं सलाम। आपका नाम है गुलाम लेकिन हमेशा रहे आजाद, आप हम सभी को रहेंगे याद।' अठावले की एक-एक तुकबंदी पर पूरा सदन हंसते हुए लोट-पोट हो रहा था। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘राज्यसभा छोड़कर जा रहे गुलाम नबी, हम मिलते रहेंगे आपको कभी-कभी। आपका नाम है गुलाम, इसलिए मैं आपको करता हूं सलाम। आपका नाम है गुलाम लेकिन हमेशा रहे आजाद, आप हम सभी को रहेंगे याद। 15 अगस्त को भारत हुआ आजाद, लेकिन राज्यसभा से आप आज हो रहे आजाद। आप हमेशा रहो आजाद, हम रहेंगे आपके साथ, यह अंदर की है बात। मोदी जी जम्मू-कश्मीर का मजबूत करेंगे हाथ, और आपका देते रहेंगे साथ।’
‘कांग्रेस नहीं लाई तो हम आपको लाने को तैयार हैं’
रामदास अठावले ने गुलाम नबी आजाद के बारे में बोलते हुए आगे कहा, ‘आपका स्वभाव बहुत अच्छा है, आप आदमी बहुत बड़े दिल के हैं अगर कांग्रेस पार्टी आपको नहीं लाना चाहती है तो हम आपको लाने के लिए तैयार हैं।’ फिर उन्होंने तुकबंदी में अपनी बात कही, 'यहां आने को कोई तकलीफ नहीं है, मैं भी उधर था, मैं भी यहां आ गया तो आपको क्या तकलीफ है?' रामदास अठावले ने कहा कि आपकी इस हाउस को जरूरत है, यह मैं आपको बताना चाहता हूं। बता दें कि इससे पहले राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य गुलाम नबी आजाद की तारीफ करते हुए भावुक हो गए थे।