गांधीनगर: गुजरात से राज्यसभा के लिए चार उम्मीदवार आज निर्विरोध निर्वाचित हो गए जिसमें दो भाजपा और दो कांग्रेस के हैं। कुछ ही दिन पहले इन पार्टियों से दो उम्मीदवारों के आखिरी समय में नामांकन करने से मुकाबले की संभावना उत्पन्न हो गई थी।
केंद्रीय मंत्रियों परषोत्तम रूपाला और मनसुख मांडविया (भाजपा) और नारण राठवा और अमी याज्ञनिक (कांग्रेस) को चुनाव अधिकारियों ने निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया। ऐसा इसलिए क्योंकि नामांकन वापस लेने की आज आखिरी तारीख थी और भाजपा के किरीटसिंह राणा और कांग्रेस समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार पी के वलेरा ने अपना नाम वापस ले लिया। राज्य से राज्यसभा की चार सीटें खाली थीं।
राज्यसभा चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी ए वी करोवा ने कहा, ‘‘भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों परषोत्तम रूपाला और मनसुख मांडविया और कांग्रेस के उम्मीदवारों नारण राठवा और अमी याज्ञनिक को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ नामांकन पत्र वापस लेने के आखिरी दिन भाजपा उम्मीदवारों किरीटसिंह राणा और निर्दलीय उम्मीदवार पी के वलेरा के साथ ही अन्य डमी उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र वापस ले लिए। इससे केवल चार उम्मीदवार बचे।’’ मुकाबले की संभावना तब उत्पन्न हो गई थी जब कांग्रेस महासचिव वलेरा और राणा ने नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन 12 मार्च को अपने नामांकन पत्र दाखिल कर दिए थे।
13 मार्च को भाजपा ने नामांकन पत्रों की जांच के दौरान राठवा की उम्मीदवारी का यह कहते हुए विरोध किया कि उन्होंने अपने नामांकन पत्र के साथ कुछ भी बकाया नहीं का ‘‘फर्जी’’ प्रमाणपत्र जमा किया है। यद्यपि निर्वाचन अधिकारी ने जांच के दौरान भाजपा के आरोपों को खारिज कर दिया और राठवा का नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया।
अधिकारियों के निर्णय से नाखुश भाजपा ने चुनाव आयोग से सम्पर्क किया और मांग की कि राठवा का नामांकन रद्द किया जाए क्योंकि उसमें‘‘ कई अनियमितताएं’’ हैं। यद्यपि चुनाव आयोग ने तत्काल कोई हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।
182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में दोनों पार्टियों के सदस्यों की संख्या को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस के दो-दो आधिकारिक उम्मीदवार जीतने थे। राज्य में सत्ताधारी भाजपा के 99 विधायक हैं जबकि विपक्षी कांग्रेस के 77 सदस्य हैं। एक उम्मीदवार की जीत के लिए जरूरी वोटों की संख्या 38 थी।