चंडीगढ़: पंजाब के एडवोकेट जनरल की नियुक्ति को लेकर जारी विवाद को सुलझाने की पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी कोशिश कर रहे है। इसी सिलसिले में नवजोत सिंह सिद्धू को संतुष्ट करने के लिए पंजाब सरकार ने गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों और उसके बाद प्रदर्शनकारियों पर हुई फायरिंग के मामलों की पैरवी करने के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील राजविन्दर सिंह बैंस को स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त करने के निर्देश जारी किए है। एडवोकेट जनरल को हटाने को लेकर सीएम और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष में बनी तनातनी को कम करने का पंजाब सरकार का प्रयास है।
हरीश रावत के बयान पर अमरिंदर सिंह का पलटवार
इसके अलावा पंजाब में चल रहे राजनीतिक घमासान में आज कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरीश रावत के बयान पर पलटवार करते हुए जवाब दिया। अमरिंदर सिंह ने कहा कि मैं कभी भी किसी तरह के दबाव में नहीं रहा। मेरे लिए कांग्रेस के लिए वफादारी ही इकलौता दबाव था। उन्होनें आगे कहा कि कांग्रेस पंजाब में बैकफुट पर आ गई है। अमरिंदर सिंह ने कहा कि सूद्धू को कांगेस में तानाशाही की इजाजत क्यों मिली है।
आपको बता दें कि इससे पहले कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने आज संवाददाताओं से कहा, "कहा जा रहा है कि उन्हें अपमानित किया गया था। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि पार्टी ने हमेशा उन्हें सम्मान दिया है और उनके साथ आदर से पेश आई है।" बता दें कि इस सियासी जंग की शुरुआत कुछ दिनों पहले अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के साथ हुई थी।
हरीश रावत ने कहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को किसान विरोधी बीजेपी का मददगार नहीं बनना चाहिए। रावत ने आगे कहा कि यह वक्त सोनिया गांधी के साथ खड़े होने का है। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह को दो बार सीएम बनाया, उनका बहुत सम्मान किया। रावत ने आगे कहा कि दो बार कॉल कर अमरिंदर को मनाने की कोशिश भी की गई थी। हरीश रावत ने आगे कहा कि कैप्टन के हालिया बयान जरूर किसी के प्रभाव में आकर दिए गए हैं। हरीश रावत ने कहा कि इस बात में कोई सच्चाई नहीं है कि कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह का अपमान किया।