कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों और सरकार के बीच आधा दर्जन बैठकों के बाद भी नतीजा सिफर ही रहा है। इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर किसानों से मिलकर बातचीत करने की पेशकश की है। राजनाथ सिंह ने कहा कि हम हमेशा अपने किसान भाइयों की बात सुनने के लिए तैयार रहते हैं, उनकी गलतफहमी को दूर करते हैं और उन्हें वह आश्वासन प्रदान करते हैं जो हम प्रदान कर सकते हैं। हमारी सरकार हमेशा चर्चा और बातचीत के लिए खुली है।
फिक्की की 93 वीं वार्षिक बैठक में राजनाथ सिंह ने कहा कि कृषि एक ऐसा क्षेत्र रहा है जो महामारी के दुष्प्रभावों से बचने में सक्षम रहा है और वास्तव में यह सबसे बेहतरीन रहा है। हमारी उपज और खरीद भरपूर है और हमारे गोदाम भरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे कृषि क्षेत्र के खिलाफ प्रतिगामी कदम उठाने का कोई सवाल ही नहीं है। हाल के सुधारों को भारत के किसानों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
हमारी सेना ने चीन की PLA को पीछे हटने के लिए मजबूर किया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उद्योग संगठन FICCI के एक कार्यक्रम के दौरान लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के दोनो तरफ भारत और चीन की सेना के जमावड़े पर बयान देते हुए कहा भारतीय सुरक्षाबलों ने लद्दाख में विषम परिस्थितियों में भी अनुकरणीय साहस और उल्लेखनीय धैर्य दिखाया है। रक्षामंत्री ने कहा कि हमारे सुरक्षाबलों ने चीन की सेना (PLA) के साथ बहादुरी से लड़ाई की और उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर किया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हिमालय की हमारी सीमाओं पर बिना किसी उकसावे के अक्रामकता दिखाती है कि दुनिया कैसे बदल रही है, मौजूदा समझौतों को कैसे चुनौती दी जा रही है, हमारे सशस्त्र बलों ने उनका (चीनी सेना) बेहद बहादुरी से सामना किया और उन्हें वापस जाने को मजबूर किया।