जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को राज्य के मंत्री लालचंद कटारिया का इस्तीफा अस्वीकार कर दिया। लोकसभा चुनाव में अपने निवार्चन क्षेत्र में एक लाख से अधिक वोटों से कांग्रेस पार्टी को मिली करारी हार के बाद कटारिया ने कुछ दिन पहले ही नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
कटारिया के इस्तीफे को अस्वीकार करते हुए गहलोत ने कहा कि ऐसे समय में जब चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में नहीं रहे हैं, उस समय पार्टी सदस्यों की नैतिक जिम्मेदारी एकजुट होकर आगे की चुनौतियों का सामना करने और राजस्थान में सुशासन प्रदान करने में योगदान करने की है। उन्होंने कहा, "पूर्व में आपने केंद्रीय मंत्री के रूप में अपना कर्तव्य निभाया है, आप कई बार विधायक भी रहे हैं और इसलिए आपके अनुभव से राज्य को लाभ होगा।"
कटारिया ने लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार का हवाला देते हुए राज्य के कृषि मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। कटारिया ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के माध्यम से राज्यपाल को अपना इस्तीफा भेजा है।
इससे पहले राजस्थान में कांग्रेस के एक भी सीट नहीं जीतने को लेकर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने अशोक गहलोत पर निशाना साधा था। हालांकि, न तो मुख्यमंत्री और न ही राज्यपाल का कार्यालय इस बात की पुष्टि कर सका कि कटारिया ने पद छोड़ दिया है।
कटारिया के इस्तीफे की पुष्टि के लिए उनसे फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो पाए। हालांकि शुक्रवा कटारिया ने पुष्टि की कि वह इस्तीफा सौंपने के बाद उत्तराखंड चले गए थे।