जयपुर: निकाय चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को लेकर पार्टी के अंदर बेचैनी बढ़ गई है। माना जा रहा है कि सरकार के कई मंत्रियों और विधायकों पर गाज गिर सकती है। कांग्रेस आलाकमान ने हार के कारणों को लेकर राज्य ईकाई से रिपोर्ट तलब की है।
राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस को चुनावों में तगड़ा झटका लगा है। 21 जिलों में 4,371 पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव में भाजपा को जहां 1,989 सीटें मिली वहीं कांग्रेस को 1,852 सीटों पर संतोष करना पड़ा। भाजपा ने इन चुनावों में पार्टी को मिली सफलता को केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों पर किसानों की मुहर बताया।
चार चरणों में संपन्न हुए इन चुनावों के नतीजों के मुताबिक मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को 26, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को छह और बहुजन समाज पार्टी को पांच सीटें मिली हैं। निर्दलीय उम्मीदवारों को 439 पंचायत समिति सीटों पर विजय हासिल हुई। इसी तरह जिला परिषद सदस्यों के चुनाव में भाजपा ने 353 और कांग्रेस ने 252 सीटें जीतीं।
राजस्थान के 21 जिलों में कुल 636 जिला परिषद सदस्यों और 4,371 पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव के लिए अजमेर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चित्तौड़गढ़, चुरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालोर, झालावाड़, झुंझुनू, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर, टोंक और उदयपुर में मतदान चार चरणों में, 23 और 27 नवंबर और एक और पांच दिसंबर को हुआ था।