जयपुर: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव पारित करवाने का नीतिगत फैसला किया है। मुख्यमंत्री गहलोत ने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की इच्छा के अनुरूप यह पहल की जा रही है। इसके साथ ही गहलोत ने किसानों की कर्जमाफी को लेकर विधानसभा में विपक्ष के हंगामे को अनावश्यक बताया।
गहलोत ने कहा, ‘‘सोनिया गांधी ने लोकसभा एवं विधानसभाओं में 33% आरक्षण की बात उठाई थी और इसके लिए लगातार संघर्ष किया जिससे संबंधित विधेयक लोकसभा में पारित भी हो गया लेकिन राज्यसभा में अटका है। राहुल गांधी चाहते हैं कि जो कांग्रेस शासित राज्य हैं, वहां की विधानसभाएं भी प्रस्ताव पारित करें। कल हमने नीतिगत फैसला किया कि प्रस्ताव पास करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे और प्रस्ताव पास करवाएंगे।’’
विधानसभा में विपक्ष के हंगामे पर गहलोत ने कहा, ‘‘विपक्ष का हंगामा जो आप देख रहे हैं कि अनावश्यक है। जनता भी इनके प्रति कोई अच्छी भावना नहीं रखेगी।’’ गहलोत ने कहा कि उसने (पिछली भाजपा सरकार) प्रति किसान 50000 रुपये तक की कर्जमाफी का नाटक किया था, उसमें से केवल 2000 करोड रुपये दिए और 6000 करोड रुपये का बोझ हम पर डाल दिया यानी उसे भी वह पूरा नहीं कर पाए।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘तब हमारे लोगों ने इसी मांग को लेकर संख्या बल कम होने के बावजूद सदन में धरना दिया, वे यहीं सोए तब मुख्यमंत्री एक सेकंड के लिए भी उनसे मिलने नहीं आईं एवं विधानसभा का सत्रावसान कर दिया गया। जबकि हमने तो आज विपक्ष की भावना का सम्मान करते हुए भाजपा सहित सभी दलों की नेताओं की मांगों, टिप्पणी व भावना का सम्मान करते हुए उनका जवाब दिया। उसके बावजूद इतना बड़ा नाटक करना, सदन चलने नहीं देना केवल राजनीतिक लाभ लेने का विफल प्रयास है।’’
पांच साल विधानसभा नहीं चलने देने की प्रतिपक्ष की चेतावनी पर गहलोत ने कहा,‘‘अभी चुनाव हारकर आए हैं इसलिए इस प्रकार की बातें कर रहे हैं। इनमें नेता बनने के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा भी तो है।’’ कर्जमाफी के सरकार के फैसले को लंगड़ा आदेश बताए जाने पर उन्होंने कहा कि आदेश पूरी तरह स्पष्ट है और सरकार की सोच भी साफ है। उन्होंने कहा,‘‘राहुल गांधी ने जो कहा हमने कर दिखाया। दो दिन में कर्जमाफी का आदेश जारी किया गया। अब प्रक्रिया तो पूरी करनी ही होगी। ’’