जयपुर: राजस्थान में भाजपा के वरिष्ठ विधायक अशोक परनामी द्वारा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हाल ही में इस्तीफा दिए जाने के बाद राज्य इकाई के अगले प्रमुख की नियुक्ति पर सभी की नजरें टिकी हैं । पार्टी ने कहा है कि नये अध्यक्ष का चुनाव जातिगत आधार पर नहीं होगा। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आनंद शर्मा के अनुसार, पार्टी को शीघ्र ही नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है, जातिगत नहीं। इसलिए कार्यकर्ता ही प्रदेश अध्यक्ष होगा, जातिगत आधार पर नियुक्ति नहीं होगी।
वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता देवी सिंह भाटी ने जातिगत आधार पर अध्यक्ष पद के नामों को लेकर चल रही अटकलों के बीच कहा कि जिन लोगों के नाम अध्यक्ष पद को लेकर चल रहे हैं उनका अपनी जातियों में कोई जनाधार ही नहीं है। खबरों में प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ का नाम भी चल रहा है जिन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र चूरू में अपने जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि इस कार्यक्रम को शक्ति प्रदर्शन के तौर पर नहीं देखा जाए। ‘‘मैं पार्टी का छोटा कार्यकर्ता हूं और कार्यकर्ता ही रहना चाहता हूं।’’
इस कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, राजस्थान के कैबिनेट मंत्री डॉ अरूण चतुर्वेदी, प्रभुलाल सैनी मौजूद रहे। राठौड़ ने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद पर नियुक्ति को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की। परनामी ने कामकाज में व्यस्तता का हवाला देते हुए गत बुधवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। राजस्थान में तीन विधानसभा सीटों पर हाल ही में हुए उपचुनावों में भाजपा उम्मीदवारों की हार के बाद से परनामी को हटाने की चर्चा चल रही थी।
भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवारी ने परनामी के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने को नाकाफी बताते हुए कहा कि केवल इससे काम नहीं चलेगा। प्रवक्ता शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री समेत प्रदेश नेतृत्व जल्दी ही प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर विचार विमर्श कर अंतिम रूप देगा। उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि नए अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होने से कामकाज प्रभावित नहीं हो रहा है। पूर्व तय कार्यक्रम और बैठकें हो रही हैं।
गौरतलब है कि वसुंधरा राजे के दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ समय बाद ही उनके विश्वासपात्र माने जाने वाले विधायक परनामी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव खासा मायने रखता है।