मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले कुछ महीनों में जबर्दस्त बदलाव देखने को मिले हैं। हिंदुत्व की राजनीति करने वाली शिवसेना ने सालों से अपनी साझीदार रही बीजेपी से नाता तोड़कर सेक्युलर राजनीति का दम भरने वाली कांग्रेस से नाता जोड़ा, और आज उसकी मदद से सरकार भी चला रही है। ऐसे में शायद ठाकरे परिवार के एक और दावेदार राज ठाकरे को हिंदुत्व की राजनीति के सहारे उभरने का एक शानदार मौका दिख रहा है। राज ने अपने चाचा बाल ठाकरे की जयंती पर अपनी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का अधिवेशन बुलाकर इसकी झलक भी दे दी है।
राज ने अपनी पार्टी एमएनएस के अधिवेशन की शुरुआत छत्रपति शिवाजी के साथ-साथ महाराष्ट्र की अन्य महान विभूतियों की तस्वीरों पर माल्यार्पण कर की। खास बात यह रही कि एमएनएस प्रमुख ने जिन तस्वीरों पर माल्यार्पण किया, उनमें से एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर सावरकर की भी थी। बता दें कि इस समय सावरकर को लेकर महाराष्ट्र में राजनीति गरमाई हुई है। एक तरफ जहां शिवसेना सावरकर को महान क्रांतिकारी बताती है वहीं उसकी सहयोगी कांग्रेस नेता उनके लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करते हैं।
राज ठाकरे ने अपने चाचा बाल ठाकरे को उनकी जयंती पर नमन करते हुए अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने इस मौके पर अपनी पार्टी का नया ध्वज भी लॉन्च किया। पार्टी के नए झंडे पर अंकित राजमुद्रा का अनुवाद है, 'पूर्णिमा का चांद जैसे धीरे धीरे बड़ा होता जाता है वैसे ही स्वराज्य धीरे-धीरे बढ़ता जाएगा।। मैं शाहजी का पुत्र शिवाजी ये राज मुद्रा देश को अर्पित करता हूं।' राज ने उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘इस देश मे 9500 राजनीतिक पार्टियां रजिस्टर्ड है, हर किसी को अधिवेशन करने का लोकतांत्रिक अधिकार है, शिवसेना भी करती है और अगर एमएनएस भी कर रही है तो इसमें क्या बुराई है? कोई भी पार्टी हमे हिंदुत्व के बारे में ना समझाए।’
हिंदुत्व पर आगे बोलते हुए राज ने कहा, ‘महाराष्ट्र धर्म वही हिंदुत्व था जो शिवाजी करते थे। उसके बाद बालासाहेब ठाकरे 60 साल हिंदुत्व के लिए लड़े। अब वह अपना नया राजनीतिक विचार अपनाने जा रहे हैं तो यह उनकी सोच है, लेकिन शिवसेना को जो हिंदुत्व के बारे में बालासाहेब ने बताया, हम आज भी उसी पर चलते हैं। इसलिए हमें किसी से भी हिंदुत्व के बारे में सीखने की जरूरत नही।’ इस मौके पर बाल ठाकरे के बारे में बोलते हुए राज ने उन्हें न सिर्फ महाराष्ट्र के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए प्रेरणास्रोत बताया।