मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने रविवार को चचेरे भाई उद्धव ठाकरे और शिवसेना पर पार्षदों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया। दो दिन पहले एमएनएस के छह बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) पार्षद शिवसेना में शामिल हुए हैं। राज ने पहली बार उद्धव पर सीधा हमला करते हुए कहा, "इन नगर निगम पार्षदों को शिवसेना द्वारा खरीदा गया है। इन्हें तोड़ने के लिए पैसा फेंका गया है।"
राज ठाकरे ने आरोप लगाया कि पार्षदों को खरीदने के लिए 'शिवसेना ने इनमें से हर एक को 5 करोड़ रुपये दिए हैं।' उन्होंने दावा किया कि लोग शिवसेना की इस गंदी राजनीति से ऊब चुके हैं और 'उद्धव की इसी निचले स्तर की राजनीति के कारण ही उन्होंने पार्टी छोड़ी थी।'
उन्होंने आगाह किया राज्य के लोग इसे कभी नहीं भूलेंगे और 'मैं भी इसे हमेशा याद रखूंगा।' एमएनएस अध्यक्ष ने उन सभी सुझावों को खारिज कर दिया जिसमें यह कहा जा रहा था कि राज शिवसेना के साथ एक गुपचुप राजनीतिक सौदे में शामिल हो रहे हैं।
राज ने कहा,"मैंने उन छह पार्षदों को नहीं भेजा..मैं ऐसा क्यों करूंगा? अगर मैं ऐसा चाहता तो मैं सभी सात पार्षदों को भेज देता। शिवसेना मेरे खिलाफ झूठी खबरें फैला रही है।" उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने चचेरे भाई की हमेशा मदद की है और उन्हें 'इसकी उम्मीद शिवसेना से नहीं थी।'
एमएनएस और भारतीय जनता पार्टी को शुक्रवार को उस समय तगड़ा झटका लगा जब बृहन्मुंबई महानगरपालिका के सात में छह एमएनएस पार्षद शिवसेना में शामिल हो गए। इसके साथ ही 227 सदस्यों वाली बीएमसी में सत्तारुढ़ शिवसेना के पार्षदों की संख्या 83 से बढ़कर 89 हो गई है। साथ ही पार्टी के पास निर्दलीय सदस्यों का भी समर्थन हैं।
भांडुप उपचुनाव में जीत हासिल करने के बाद भाजपा के पास अब 83 सदस्य हैं, जबकि पार्टी को दो निर्दलीय सदस्यों का सर्मथन हासिल है। भांडुप में जीत के बाद भाजपा ने दावा किया था वह जल्द ही शिवसेना से आगे निकाल जाएगी और देश की सबसे बड़े और रईस नगर निकाय में अपने मेयर को बैठाएगी।