नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बुधवार को लोकसभा में की गयी अपनी विवादित टिप्पणी के लिए शुक्रवार को सदन में माफी मांग ली। प्रज्ञा ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया था। वहीं, प्रज्ञा ने यह भी कहा कि ‘अदालत में मेरे खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं होने के बाद भी एक सदस्य ने सार्वजनिक तौर पर मुझे आतंकवादी कहा।’ इसके बाद बीजेपी के सदस्यों ने भी राहुल गांधी से माफी की मांग की, लेकिन उन्होंने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं।
राहुल गांधी ने बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा पर एक बार फिर हमला बोलते हुए कहा कि जिस तरह गोडसे हिंसा का इस्तेमाल करता था, साध्वी प्रज्ञा भी वही करती हैं। उन्होंने एक बार फिर कहा कि जो भी उनके द्वारा ट्विटर पर लिखा गया है, वह उस पर पूरी तरह कायम हैं। राहुल ने कहा कि मैंने अपना पक्ष रख दिया है। आपको बता दें कि प्रज्ञा ठाकुर द्वारा माफी मांगने के बावजूद कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों ने उनके बयान पर पुरजोर विरोध जताया और प्रदर्शन जारी रखा।
प्रज्ञा ने यह भी कहा कि देश के लिए महात्मा गांधी के सेवाकार्यों का वह सम्मान करती हैं। प्रज्ञा ने कहा, ‘बीते घटनाक्रम में मेरी टिप्पणी से किसी को किसी भी प्रकार की ठेस पहुंची हो तो मैं खेद जताते हुए क्षमा चाहती हूं। मेरे बयान का संदर्भ अलग था। एक सदस्य ने सार्वजनिक तौर पर मुझे आतंकवादी कहा। तत्कालीन सरकार ने मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा था। मेरे खिलाफ अदालत में कोई आरोप साबित नहीं हुआ। मुझे एक संन्यासी, महिला और सांसद होने के बाद भी आतंकी कहकर अपमानित करने का प्रयास किया गया।’
गौरतलब है कि प्रज्ञा ने बुधवार को लोकसभा में एसपीजी संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान उस वक्त विवादित टिप्पणी की थी जब द्रमुक सदस्य ए राजा बोल रहे थे। प्रज्ञा की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं किया गया। प्रज्ञा के बयान पर राहुल गांधी ने गुरुवार को ट्वीट किया था, ‘आतंकवादी प्रज्ञा ने आतंकवादी गोडसे को देशभक्त बताया। यह भारत के संसद के इतिहास का एक दुखद दिन है।’ बीजेपी के निशिकांत दुबे ने कहा कि राहुल गांधी ने प्रज्ञा को आतंकी कहा था अत: कांग्रेस को भी इस मामले में माफी मांगनी चाहिए।