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राहुल गांधी ने फिर लद्दाख मुद्दे पर साधा निशाना, कहा जवानों ने चुकाई सरकार की गलती की कीमत

राहुल गांधी ने ट्वीट कर सरकार पर गंभीर पर आरोप लगाए हैं। राहुल ने ट्वीट कर कहा कि यह बात साफ हो चुकी है कि चीन गलवान घटना से पहले पूरी तरह तैयार था।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: June 19, 2020 12:32 IST
Rahul gandhi- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Rahul gandhi

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी लद्दाख में एलएसी के निकट 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद से लगातार आक्रामक हैं। शुक्रवार को भी राहुल गांधी ने ट्वीट कर सरकार पर गंभीर पर आरोप लगाए हैं। राहुल ने ट्वीट कर कहा कि यह बात साफ हो चुकी है कि चीन गलवान घटना से पहले पूरी तरह तैयार था। वहीं भारतीय सरकार इस पूरे मुद्दे पर आंखें मूंदे हुए थी, जिसका खामियाजा जवानों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा है। बता दें कि गुरुवार को भी राहुल ने सरकार पर निशाना साधते हुए जवानों के बिना हथियार चीनियों से लड़ने की बात कही थी, हालांकि इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल को कड़े शब्दों में जवाब भी दिया था। 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक के एक बयान को रिट्वीट करते हुए कहा कि अब इससे यह बात साफ हो चुकी है कि गलवान घाटी में चीन का हमला पूर्व नियोजित था। वहीं दूसरी बात यह साफ हो गई है कि सरकार गहरी नींद में थी और समस्या को नकार रही थी। वहीं तीसरी बात यह सिद्ध हो गई है कि इस सब का खामियाजा सैनिकों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा है। बता दें कि श्रीपद नाइक ने बुधवार को कहा था कि चीनी सेना ने गलवान की घटना की तैयारी पहले से कर ली थी और भारतीय सैनिकों ने उनका वीरता पूर्वक मुकाबला किया। 

'हमारे जवानों को शहीद होने के लिए निहत्थे भेजा गया', राहुल गांधी

जब से सरहद पर चीनी फौज ने हमारे जवानों पर कायरतापूर्ण हमला किया है तबसे चीन के साथ इस टकराव को लेकर कई झूठ फैलाए गए। वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जिस वक्त चीनी फौज ने हमारे सैनिकों पर धोखे से हमला किया उस वक्त हमारे सैनिक निहत्थे थे। वहीं एक खबर ये उड़ी कि बहुत से जवान लापता हैं। इसके बाद कुछ कांटे लगी तस्वीरें दिखाई जाने लगीं। दावा किया गया कि इनका इस्तेमाल चीन के सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर हमले के लिए किया। राहुल गांधी ने भी कहा कि चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया। उन्होंने पूछा कि हमारे जवानों को शहीद होने के लिए बिना हथियारों के किसने भेजा? चूंकि हमारे बीस सैनिक शहीद हुए हैं जिसे लेकर देशभर में चीन के खिलाफ गुस्सा है। इसलिए राहुल गांधी की ये बात तेजी से फैली और इसने आग में घी का काम किया। सोचने वाली बात है कि गलवान वैली सेंसटिव इलाका है। आम इलाकों में भी क्या कोई सैनिक बिना हथियारों के पेट्रोलिंग करता है? लेकिन राहुल गांधी ने सरकार से पूछ लिया। अच्छी बात ये हुई कि सरकार ने इस झूठ को ज्यादा देर टिकने नहीं दिया। सीधे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जबाव दिया। एस जयशंकर ने ट्वीट में लिखा 'कुछ बातें साफ होनी चाहिए... बॉर्डर पर सेना के जवान हमेशा हथियार लेकर चलते हैं...15 जून को गलवान वैली में भी जब चीनी सैनिकों के साथ फेसऑफ हुआ उस वक्त हमारे जवान निहत्थे नहीं थे..जवान हथियार लेकर गए थे... लेकिन हमारे जवान अनुशासित हैं..हमारी आर्मी प्रोफेशनल है....हिन्दुस्तानी फौज ने चीन के साथ 1996 और 2005 के समझौते का पालन किया....इन समझौतों के बाद प्रैक्टिस है कि फेसऑफ के वक्त भी हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।'

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