नयी दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध को लेकर दावा किया कि चीन के सैनिक भारतीय सीमा में दाखिल हो गए लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खामोश हैं और कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘लद्दाख में चीनी हमारे क्षेत्र में दाखिल हो गए। इस बीच, प्रधानमंत्री पूरी तरह खामोश हैं और कहीं नजर नहीं आ रहे।’’ गौरतलब है कि भारत और चीन की सेनाओं ने सीमा पर गतिरोध के शांतिपूर्ण समाधान के अपने संकल्प को प्रदर्शित करते हुए पूर्वी लद्दाख के कुछ गश्त बिंदुओं से सांकेतिक वापसी के तौर पर अपने सैनिकों को वापस बुलाया है।
वहीं भारत-चीन के बीच जारी तनाव पर अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान की सशस्त्रों बलों के सेवानिवृत्त अधिकारियों के एक समूह ने कड़ी निंदा की है। सेवानिवृत्त अधिकारियों ने राहुल के बयानों को गलत सोच से प्रभावित और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद पर कांग्रेस नेता के ट्वीट और बयान उनकी अज्ञानता प्रकट करते हैं या फिर पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जमाने में हुई ऐतिहासिक भूलों को नजरअंदाज करने की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा हैं।
9 सेवानिवृत्त अधिकारियों, जिनमें नितिन कोहली, लेफ्टिनेंट जनरल आरएन सिंह और मेजर जनरल एम श्रीवास्तव शामिल हैं, ने एक अधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा, "हम सीनियर आर्म्ड फोर्सेज वेटरंस के ग्रुप के तौर पर राहुल गांधी के भारत-चीन सीमा विवाद से निपटने को लेकर हमारी सेना और सरकार पर सवाल उठाने वाले बयानों और ट्वीट की कड़ी निंदा करते हैं।"
इस बीच भारत और चीन की सेनाओं ने सीमा पर गतिरोध के शांतिपूर्ण समाधान के अपने संकल्प को प्रदर्शित करते हुए पूर्वी लद्दाख के कुछ गश्त बिंदुओं से सांकेतिक वापसी के तौर पर अपने सैनिकों को वापस बुलाया है। वहीं, इस मुद्दे पर दोनों पक्ष आज एक और दौर की मेजर जनरल स्तर की वार्ता करने वाले हैं। गलवान घाटी, पैंगोंग सो, दौलत बेग ओल्डी और डेमचोक जैसे इलाकों में दोनों सेनाओं का आक्रामक रुख बरकरार है और आने वाले कुछ दिनों में इस गतिरोध को खत्म करने का समाधान तलाशने के लिये बातचीत के कई दौर होंगे।