नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी को लेकर कांग्रेस लगातार आक्रामक रूख अपनाए हुए हैं। आज राहुल गांधी का 5 सदस्यों की टीम के साथ लखीमपुर जाने का प्रोग्राम था लेकिन यूपी सरकार ने राहुल गांधी को इजाजत देने से इनकार कर दिया है। रविवार को हुई हिंसा के बाद से ही लखीमपुरी खीरी में धारा 144 लागू है। वहां कानून-व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े इसलिए राहुल गांधी को जाने की इजाजत नहीं दी गई। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी लखनऊ भी जा सकते हैं और वहां से वो सीतापुर में अपनी बहन प्रियंका गांधी से मिलने भी जा सकते हैं। राहुल गांधी आज सुबह दस बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं जिसमें वो अपने आगे की रणनीति के बारे में जानकारी दे सकते हैं।
तय कार्यक्रम के मुताबिक राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी का 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को लखीमपुर खीरी का दौरा करना है। इस प्रतिनिधि मंडल में राजस्थान के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट भी शामिल होंगे। कांग्रेस पार्टी के अनुसार, इस प्रतिनिधमंडल को दोपहर 12 बजे लखनऊ पहुंचना है। हालांकि, इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने भी मंगलवार शाम को दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करने के बाद कहा था कि विपक्षी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल को लखीमपुर भेजे जाने पर विचार किया जा रहा है। वहीं कांग्रेस पार्टी की ओर से पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी, राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहले से भी उत्तर प्रदेश में मौजूद हैं।
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मंगलवार को उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रियंका गांधी को गिरफ्तार कर लिया। उनके लिए सीतापुर के पीएसी गेस्ट हाउस में अस्थायी जेल बना दी गई है। प्रियंका गांधी के साथ हरियाणा से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा और उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समेत कुल 11 लोगों के खिलाफ पुलिस ने धारा 151, 107, 116 के तहत मामला दर्ज किया है।
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई। जिसमें किसान भी शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लखीमपुर आ रहे थे और इसके खिलाफ किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। उसी दौरान हिंसा हुई और इसके लिए केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे और किसानों के प्रदर्शन में शामिल उपद्रवी तत्वों को जिम्मेदार बताया जा रहा है। हालांकि अभी पूरे मामले की जांच चल रही है। हिंसा के बाद इलाके में धारा-144 लागू कर दी गई है और इंटरनेट पर पाबंदी लगी हुई है।
इनपुट-एजेंसी