Saturday, December 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राजनीति
  4. राहुल गांधी गंभीर नेता नहीं, 2019 में कांग्रेस को मिलेगी 20 सीट : विश्वजीत

राहुल गांधी गंभीर नेता नहीं, 2019 में कांग्रेस को मिलेगी 20 सीट : विश्वजीत

राणे का कहना है कि राहुल के नेतृत्व में देश की सबसे पुरानी पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में 20 सीट पर सिमट कर रह जाएगी।

IANS
Published : April 10, 2017 20:27 IST
Vishwajit Rane
Vishwajit Rane

नई दिल्ली: बीते हफ्ते कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने वाले गोवा के नेता विश्वजीत राणे का कहना है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी गंभीर नेता नहीं हैं, साथ ही पहुंच से परे भी हैं। राणे का कहना है कि राहुल के नेतृत्व में देश की सबसे पुरानी पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में 20 सीट पर सिमट कर रह जाएगी। 

राणे ने आईएएनएस से खास मुलाकात में कहा, "कांग्रेस के पास एक नान सीरियस नेता है जिसका नाम है राहुल गांधी। वह उस राज्य (गोवा) की जनता के प्रति गंभीर नहीं हैं जिसने उन्हें जनादेश दिया। उन तक पहुंचना भी मुश्किल है। किसी पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए नेता का गंभीर होना जरूरी है।"

चार फरवरी को गोवा में हुए विधानसभा चुनाव में विश्वजीत राणे ने वालपोई सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीत पाई थी। कांग्रेस के सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सरकार बनाने में नाकाम रहने से नाराज राणे ने पार्टी और विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया और कुछ दिन बाद भाजपा की सदस्यता ले ली।  पर्रिकर सरकार के विश्वास मत हासिल करने के दौरान राणे विधानसभा से गायब रहे थे। नतीजे में कांग्रेस के 17 विधायक घटकर 16 ही रह गए थे।

राणे ने कहा, "राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस दिशाहीन हो चुकी है। अगर वह ऐसे ही पार्टी को चलाना चाहते हैं तो फिर मुझे पूरा विश्वास है कि 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस की सीट मौजूदा 44 से घटकर 20 हो जाएगी।"

यह पूछने पर कि क्या कांग्रेस में 2019 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टक्कर का कोई नेता है, राणे ने कहा, "मैं कांग्रेस में ऐसा कोई नेता उभरता हुआ नहीं देख रहा हूं। अगले दस साल तक कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं देख रहा हूं।"

इन्हें भी पढ़ें:

उन्होंने कहा कि गोवा में पार्टी के सामने गंभीर सवाल खड़े थे। पार्टी की जरूरत के इस समय में भी राहुल पहुंच से परे रहे। रही बात कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की, तो उनके व्यवहार से ऐसा लग रहा था कि वह किसी भी कीमत पर गोवा में कांग्रेस की सरकार नहीं बनने देना चाहते।

राणे ने कहा, "और, फिर उन्होंने (दिग्विजय सिंह ने) ताबूत में आखिरी कील तब ठोंकी जब उन्होंने बाबू कावलेकर को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना। बाबू ने बीते पांच साल में कांग्रेस विधायक दल की एक बैठक में भी शिरकत नहीं की है। यही गोवा में कांग्रेस का खात्मा साबित हुआ।"

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement
detail