नई दिल्ली: कर्नाटक दौरे पर गए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्लेन की इमरजेंसी लैंडिंग का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस ने घटना के पीछे साजिश का आरोप लगाया है तो डीजीसीए ने सफाई दी है कि हादसा प्लेन में तकनीकी गड़बड़ी की वजह से आया। बता दें कि हवा में उड़ते हुए अचानक प्लेन में गड़बड़ी हुई और प्लेन हवा में ही गोते खाने लगा और प्लेन को इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। कांग्रेस ने विमान में तकनीकी गड़बड़ी के पीछे साजिश की आशंका जताई है।
फ्लाइट सुबह 9 बजकर 20 मिनट पर दिल्ली से उड़ान भरी थी और उसे 11.45 बजे हुबली पहुंचना था। विमान में राहुल गांधी के अलावा कौशल विद्यार्थी, एसपीजी ऑफिसर राहुल गौतम और राहुल रवि सवार थे लेकिन तभी 10 बजकर 45 मिनट पर एयरक्राफ्ट अचानक से लेफ्ट साइड की तरफ झुक गया और तेज आवाज के साथ विमान नीचे की ओर गिरने लगा, प्लेन में भयानक हलचल होने लगी। राहुल गांधी कर्नाटक के दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को हुबली पहुंचे हैं।
राहुल गांधी जिस एयरक्राफ्ट में सवार थे, उसका नाम VT-AVH फॉल्कन 2000 है, जो रेलीगेयर एविएशन लिमिटेड का है। इसका रजिस्ट्रेशन नेहरू प्लेस, दिल्ली में 04-02-2011 का है। आरोप है कि मौसम बिलकुल साफ था और धूप खिली हुई थी। यात्रियों के मुताबिक हवा भी नहीं चल रही थी। इस फ्लाइट में राहुल गांधी के साथ यात्रा कर रहे कौशल विद्यार्थी ने कर्नाटक के डीजी और आईजी को चिट्ठी लिखी है जिसमें उन्होंने इसे 'अनएक्सप्लेनेड टेक्निकल एरर' बताया है।
शिकायत मिलते ही हुबली पुलिस एक्शन में आई और आईपीसी की धारा 336, 287 और एयरक्राफ्ट एक्ट के सेक्शन-11 के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दोनों पायलट से पूछताछ हुई है और सुरक्षा के लिहाज से दोनों पायलटों को होटल में ठहराया गया है। इसी बीच, मामला तूल पकड़ा तो चीन दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी को फोन कर उनका हाल जाना। उन्होंने फ्लाइट से ही राहुल गांधी को फोनकर उनसे बात की है और उनका कुशलक्षेम पूछा।
बाद में राहुल गांधी को दिल्ली वापस लाने के लिए राजधानी से मैसूर एक नया प्लेन भेजा गया। वहीं पूरी घटना पर डीजीसीए की ओर से कहा गया है कि ऑपरेटर ने इस घटना के बारे में बताया है। ऑपरेटर रिपोर्ट के मुताबिक ये स्नैग ऑटो पायलट मोड से मैनुअल मोड में शिफ्ट करने से आया। ऑटो पायलट मोड का बंद किया जाना अनकॉमन नहीं है, लेकिन किसी वीआईपी की फ्लाइट के साथ ऐसा होने पर गहन जांच की जाती है और इस मामले में भी ऐसा होगा। राहुल गांधी के ऑफिस ने सिफारिश की है कि जब तक जांच पूरी न हो जाए एयरक्राफ्ट को उड़ान न भरने दिया जाए।