नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) निदेशक आलोक वर्मा से अधिकार वापस लेकर उन्हें छुट्टी पर भेजे जाने के सरकार के कदम के खिलाफ शुक्रवार को CBI मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शित करने के बाद गिरफ्तारी दी। इससे पहले वहां एकत्रित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला।
राहुल गांधी ने मोदी पर CBI, चुनाव आयोग और प्रवर्तन निदेशालय समेत अन्य संस्थानों को बर्बाद करने का आरोप भी लगाया। अशोक गहलोत, अहमद पटेल, मोतीलाल वोरा, वीरप्पा मोइली और आनंद शर्मा समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने उस मार्च में हिस्सा लिया जो CBI मुख्यालय पहुंचने से पहले एक विरोध प्रदर्शन में तब्दील हो गया।
लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव, भाकपा नेता डी राजा और तृणमूल कांग्रेस के नदीम-उल-हक भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए। राष्ट्रीय राजधानी की ही तरह देश के अन्य हिस्सों में कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किए। कांग्रेस इस कदम को CBI निदेशक को अवैध, असंवैधानिक और अनुचित तरीके से हटाया जाना करार दे रही है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए के पटनायक वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की सीवीसी जांच की निगरानी करेंगे और साथ ही उनसे दो हफ्ते के भीतर न्यायालय के समक्ष रिपोर्ट पेश करने को कहा।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि CBI के अंतरिम प्रमुख ए नागेश्वर राव कोई भी प्रमुख नीतिगत फैसला नहीं लेंगे और राव द्वारा 23 अक्टूबर तक लिया गया कोई भी फैसला लागू नहीं होगा। साथ ही कहा कि राव द्वारा लिए गए फैसलों को सीलबंद लिफाफे में शीर्ष अदालत के समक्ष पेश किया जाए।