नई दिल्ली: मथुरा में आयोजित यूपीसीसी के चिंतन शिविर में पहुंचकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं में जान फूंकने की कोशिश की। राहुल गांधी ने यहां पर कार्यकर्ताओं से अपनी सोच भी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अब मैं पार्टी को एक परिवार के तौर पर देखता हूं, जबकि मैं पहले पार्टी को सेना के तौर पर देखता था। आपको बता दें राहुल गांधी ने वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के दर्शन भी किए। राहुल गांधी ने पार्टी की तुलना परिवार से करते हुए कहा कि यह मान लेना गलत है कि अगर कोई एक व्यक्ति पार्टी से चला जाए तो उसका काम कोई दूसरा कर लेगा। राहुल ने यहां पर अपनी पार्टी की विचारधारा पर भी बात की। उन्होंने कहा कि भले ही हम उत्तर प्रदेश में चौथे नंबर की पार्टी हों विचारधारा के मामले में हम नंबर एक हैं। राहुल ने यहां पर आरएसएस पर भी तंज कसा और कहा कि यहां मौजूद हर व्यक्ति के खून में कांग्रेस का डीएनए होगा।
राहुल ने कहा, मोदी ने किसानों के लिए अच्छे दिनों का वादा किया था। अब किसान आत्महत्या कर रहे हैं। मैं देश में जहां भी जाता हूं, किसान मोदीजी को अपशब्द कह रहे हैं। वे आलोचना नहीं कर रहे हैं बल्कि अपशब्द कह रहे हैं। युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रही हैं और तीन बार वादा करने के बावजूद अभी तक ओआरओपी नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मोदी को जितना हम सब मिलकर नुकसान पहुंचा सकते हैं उससे कहीं अधिक नुकसान वह स्वयं अपने को पहुंचा रहे हैं। हमें अपनी जगह बनानी होगी। मोदीजी का पतन होना ही है और जब वह जाएंगे हमें वह स्थान भरना है। आप मोदी पर हमले करना जारी रख सकते हैं लेकिन मोदी अपना उससे अधिक नुकसान स्वयं ही कर रहे हैं। राहुल ने यह बात उत्तर प्रदेश के पार्टी नेताओं की यहां एक चिंतन बैठक का उद्घाटन करते हुए कही। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा और भाजपा के बाद चौथे स्थान पर पहुंच गई है।
क्या क्या बोले राहुल गांधी-
- जितना नुकसान मोदी जी खुद अपना कर रहे हैं उतना शायद हम सब मिल भी जाएं तो भी नहीं कर सकते।
- हर भारतीय के खाते में 15 लाख रुपए आने वाले थे। बहुगुणा जी आपको मिले? आरपीएन जी आपको मिले? नहीं।
- जब कोई मुझे पूछता है कि तुम कहां के हो तो मैं कहता हूं इलाहाबाद और कश्मीर।
- यहां पर अलग-अलग विचारधाराएं हैं, ये आरएसएस नहीं है।
- यहां पर एक ऐसा व्यक्ति नहीं होगा जिसके खून में कांग्रेस का डीएनए न हो।
- पार्टी का हर कार्यकर्ता मेरे परिवार के जैसा है, तो परिवार से किसी को भी नहीं निकाला जा सकता।
- मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एक सेना की तरह मानता था, जिसमें सैनिक और कैप्टन है। लेकिन अब मैं आपको परिवार के जैसा मानता हूं।