हैदराबाद: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बुधवार को कहा कि राफेल मुद्दा बोफोर्स मामले की तुलना में 20 गुना बड़ा है लेकिन मीडिया इसे वैसा महत्व नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि 1980 के दशक में मीडिया लगातार बोफोर्स मुद्दे पर लगा रहा और उसने तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की छवि खराब कर दी जिससे 1989 के चुनाव में कांग्रेस की हार हुई।
थरूर ने कहा कि 1980 के दशक में एक दिन भी ऐसा नहीं था जब मीडिया ने बोफोर्स मुद्दे का पीछा नहीं किया। यह पता लगाने के लिए क्या हुआ, हर दिन, खोजी पत्रकार दुनिया भर में भेजे जाते थे। उन्होंने कहा कि आज, हमारे सामने एक घोटाला है जो पैसे के लिहाज से 20 गुना बड़ा है-वह राफेल घोटाला है। क्या आपने देखा कि मीडिया पहले की तरह उसे महत्व दे रहा है... बिल्कुल नहीं।
थरूर ने कहा कि राफेल मुद्दे की पड़ताल करने की किसी में हिम्मत नहीं है तथा ऐसे बड़े घोटाले में मीडिया द्वारा कोई जांच नहीं की जा रही है। यह वास्तव में निराशाजनक है। थरूर ने विभिन्न रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि प्रेस की आजादी के मामले में भारत 136वें स्थान पर है और वह अफगानिस्तान से भी नीचे है।
थरूर ने कहा कि मुख्यधारा के ज्यादातर मीडिया घरानों के मालिक कारोबारी हैं। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस केंद्र सरकार पर राफेल सौदे से अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस लि. को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाती रही है हालांकि भाजपा और रिलायंस डिफेंस ने सभी आरोपों को गलत बताते हुए खारिज कर दिया है।