नई दिल्ली: सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा में गणित के 'अत्यत कठिन' पश्नपत्र पर संसद में गुरुवार को सवाल उठे। कठिन पश्नपत्र देखकर कई छात्रों की आंखों में आंसू छलक आए। कांग्रेस सदस्यों ने सरकार से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने के लिए कहा। छात्रों और शिक्षकों ने बोर्ड से फिर परीक्षा लेने की मांग की है। शून्यकाल के दौरान केरल के एर्नाकुलम से कांग्रेस के सांसद के. वी. थॉमस ने कहा कि गणित की परीक्षा से देश में कई छात्रों के भविष्य पर प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने कहा, "सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। भविष्य में जब पश्नपत्र सेट किए जा रहे हों तो इस प्रयास में अनुभवी और वरिष्ठ लोगों को लिए जाने का प्रयास किया जाना चाहिए।"
12वीं की परीक्षा दे रहे छात्रों और उनके शिक्षकों ने कहा कि बुधवार का पश्नपत्र 'आईआईटी प्रवेश परीक्षा स्तर' का था।
कई प्रश्नों पर हाथ आजमाने वाली सोमिल पाहुजा ने कहा, "गणित की परीक्षा अत्यंत कठिन थी। परीक्षा में पूछे गए प्रश्न सीधे नहीं थे। यह हमारे स्तर से आगे का था और आईआईटी-जेईई की प्रवेश परीक्षा के समतुल्य था।"
सोमिल ने कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को परीक्षा पुन: आयोजित करनी चाहिएञ
वर्तिका मिश्रा ने कहा कि अधिकांश छात्र परीक्षा भवन से रोते हुए निकले।
वर्तिका ने आईएएनएस से कहा, "परीक्षा लेने के बाद हम सभी हताश थे। अब हम अच्छा होने को लेकर बेहद संशय में हैं, जबकि गणित मेरा पसंदीदा विषय है और मैं हमेशा अच्छा अंक लाती थी।"
उन्होंने कहा, "मैं नहीं सोचती कि मैं इस पश्नपत्र में 50 प्रतिशत से अधिक अंक लाने में समर्थ हूं।"
वर्तिका ने यह भी मांग की कि सीबीएसई बोर्ड परीक्षा फिर से ले।
सीबीएसई के एक प्रवक्ता ने कहा कि बोर्ड ने फिर से गणित की परीक्षा लेने के बारे में अभी तक विचार नहीं किया है।