नई दिल्ली: पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। राणा गुरजीत पंजाब सरकार में ऊर्जा एवं सिंचाई मंत्री थे। खनन सौदे में भ्रष्टाचार को लेकर राणा गुरजीत सिंह का नाम सामने आ रहा था। राणा गुरजीत सिंह पर आरोप है कि उन्होंने बालू खदानों की नीलामी में फर्जी तरीके से अपने स्टाफ के नाम पर करोड़ों के कॉन्ट्रेक्ट ले लिए। विपक्ष लगातार पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर राणा गुरजीत सिंह को कैबिनेट से बाहर करने का दबाव बना रहा था। साथ ही राणा गुरजीत सिंह के बेटे का नाम भी मनी लॉन्ड्रिंग केस में सामने आ रहा था। राणा गुरजीत के बेटे को ईडी समन भेज चुकी है। इन सब आरोपों के बीच डैमेज कंट्रोल के लिए राणा गुरजीत सिंह ने मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया।
राणा गुरजीत सिंह का नाम प्रदेश के उन नेताओं में शुमार हैं जिनका सीधा कनेक्शन सीएम अमरिंदर सिंह हैं। अमरिंदर के साथ राजनीतिक संबंधों के साथ-साथ गुरजीत के पारिवारिक संबंध भी काफी अच्छे बताए जाते हैं। माना जाता है कि वर्ष 2017 में विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करने के बाद अमरिंदर ने राणा गुरजीत सिंह को संबंधों के कारण ही उन्हें ऊर्चा और सिंचाई मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया था।
कुछ महीनों पहले पंजाब में कई जगहों पर रेत खदानों की नीलामी हुई थी। इस दौरान राणा पर आरोप लगा था कि उन्होंने मनमाने तरीके से अपनी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए रेत खदानों की नीलामी की है। राणा पर आरोप लगने के बाद उन्हें विपक्ष के तीखे हमलों का सामना करना पड़ा था। बता दें कि आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सुखपाल खैरा कई कार्यक्रमों में राणा और कैप्टन सरकार को इसके लिए निशाना बनाते नजर आते हैं।