नई दिल्ली: कांग्रेस के लिए पंजाब में पार्टी के भीतर चल रही कलह को खत्म करना चुनौती बन गया है। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इसपर करीब से नजर बनाए हुए है। कलह को दूर करने के मकसद से कांग्रेस द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति लगातार इसपर काम कर रही है। समिति ने मंगलवार को राज्य के मुख्यमत्री अमरिंदर सिंह के साथ लंबी बैठक की।
ऐसा समझा जाता है कि इसमें कलह दूर करने के फार्मूले पर विचार करने के साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर उतरने की तैयारी पर चर्चा हुई। पार्टी सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली इस समिति और अमरिंदर के बीच यह बैठक तीन घंटे से अधिक समय तक चली।
समिति ने हाल ही में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, कई मंत्रियों, सांसदों और विधायकों समेत कांग्रेस के पंजाब से ताल्लुक रखने वाले 100 से अधिक नेताओं से उनकी राय ली थी। खड़गे के अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत तथा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल हैं।
गौरतलब है कि कुछ सप्ताह पहले मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली थी। इन दिनों सिद्धू एक बार फिर से मुख्यमंत्री को घेर रहे हैं। विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।