चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को साफ तौर पर शक्ति प्रदर्शन करते हुए चंडीगढ़ में एक कैबिनेट सहयोगी के घर डिनर पर अपनी पार्टी कांग्रेस के करीब 60 विधायकों और 8 सांसदों से मुलाकात की। इस डिनर में मौजूद नेताओं ने ‘2022 में कैप्टन ही कांग्रेस’ नाम से एक प्रस्ताव पास किया जिसे पार्टी आलाकमान को भेजा जाएगा। इस प्रस्ताव को 59 पंजाब कांग्रेस विधायकों, जिनमें पंजाब के 8 कैबिनेट मंत्री भी शामिल हैं, और 8 सांसदों ने अपनी सहमति दी।
कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस डिनर को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खेमे के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। कैप्टन के इस डिनर में सिद्धू खेमे के 10 विधायक भी देखे गए। इसके साथ ही सिद्धू के पास अब सिर्फ 19 विधायक रह गए हैं जिनमें 4 कैबिनेट मंत्री हैं। सूत्रों के मुताबिक, अमरिंदर सिंह का खेमा अब आलाकमान से नंबर के आधार पर 2022 के चुनावों में कैप्टन को बतौर मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने की मांग करेगा। बता दें कि सिद्धू के खेमे के 4 मंत्री सूबे में मुख्यमंत्री को बदले जाने की मांग कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के धड़ों के बीच टकराव की पृष्ठभूमि में सिंह ने पार्टी विधायकों के साथ बैठक की। सिद्धू ने एक बार फिर अमरिंदर सिंह को बिजली दरों में कमी किए जाने के वादे की याद दिलाई। सिद्धू ने सिंह का एक वीडियो टैग करते हुए एक ट्वीट में कहा, ‘कांग्रेस पार्टी घरेलू बिजली तीन रुपये प्रति यूनिट और औद्योगिक बिजली 5 रुपये प्रति यूनिट देने के अपने संकल्प के साथ-साथ सब्सिडी देने के संकल्प पर कायम है। इस वादे को पूरा किया जाना चाहिए।’
सूत्रों के अनुसार अमरिंदर सिंह ने खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी के सरकारी आवास पर पार्टी के करीब 60 विधायकों और 8 सांसदों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि इससे पहले दिन में कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया और सुखजिंदर सिंह रंधावा राज्य मंत्रिपरिषद की डिजिटल बैठक में शामिल नहीं हुए। ये तीनों सिद्धू के खेमे में हैं। बैठक की अध्यक्षता अमरिंदर सिंह ने की। हालांकि सिद्धू खेमे के एक और मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी बैठक में शामिल हुए। राज्य में कांग्रेस के 80 विधायक और 8 सांसद हैं।