चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी (AAP) के केंद्रीय नेतृत्व को खुली चुनौती देते हुए विपक्ष के नेता पद से हटाए गए सुखपाल सिंह खैरा ने गुरुवार को बठिंडा में एक सम्मेलन आयोजित किया। खैरा ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह सम्मेलन यह बताने के लिए आयोजित किया गया है कि पंजाब में आप नेताओं और कार्यकर्ताओं के पास अपने विचार रखने और इन्हें व्यक्त करने का अधिकार है।
रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब विधानसभा में आप के 20 में से 13 विधायक दिल्ली में मौजूद थे जबकि अन्य विधायक सम्मेलन में शामिल हुए। खैरा ने कहा, "मेरी लड़ाई पंजाब के भले के लिए है। मैं किसी पद का आकांक्षी नहीं हूं। मैं सभी पंजाबियों के लिए आवाज उठाऊंगा। प्रदेश को बादल परिवार और अमरिंदर सिंह के बुरे शासन ने बरबाद कर दिया। यह मेरी नहीं बल्कि पंजाब की लड़ाई है।"
सम्मेलन में पार्टी की पंजाब इकाई के सांगठनिक ढांचे को तोड़ने का प्रस्ताव पारित हुआ तथा यह घोषणा की गई कि उसके पास राज्य की भलाई के लिए खुद निर्णय लेने का अधिकार है। आप के केंद्रीय नेतृत्व ने इस कार्यक्रम को पार्टी विरोधी गतिविधि बताया है।
पंजाब इकाई में विवाद के लिए आप ने मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS), शिरोमणि अकाली दल, भारतीय जनता पार्टी (BJP) और बैंस भाइयों को जिम्मेदार ठहराया। आप के शीर्ष नेतृत्व ने खैरा को हटाने के बाद दलित नेता हरपाल सिंह चीमा को विपक्ष का नेता नियुक्त किया है।
पिछले साल पंजाब विधानसभा चुनाव में 117 सीटों में से 20 सीटें जीतकर आप मुख्य विपक्षी पार्टी बनी थी।