नई दिल्ली: प्रियंका गांधी, इस समय विदेश में हैं, लेकिन देश में हर किसी की जुबान पर चर्चा उन्हीं की है। प्रियंका गांधी आज बकायदा फुल टाइम पॉलिटिक्स में लॉन्च हो गईं हैं। अब ऐसी अटकलें भी चल रही हैं कि पार्टी प्रियंका को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से मैदान में उतार सकती है।
वाराणसी में कांग्रेस के चेहरा समझे जाने वाले और पिछले चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय ने प्रियंका गांधी को वाराणसी से चुनाव लड़ाने की मांग कर वाराणसी से चुनाव लड़ने की ख़बरों को हवा दे दी है।
वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर इस दिशा में संकेत भी दिए हैं। 2014 में मोदी के खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय ने इसके लिए राहुल गांधी को प्रस्ताव भेजने की बात कही है।
कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, 'मोदीजी और अमित शाह ने कहा था, कांग्रेस मुक्त भारत! अब प्रियंका गांधी की उत्तर प्रदेश (पूर्वी) में आने के बाद हम देखेंगे... मुक्त वाराणसी? ... मुक्त गोरखपुर?'
अगर हम वाराणसी लोकसभा सीट के इतिहास को देखें तो 1991 के बाद से 2004 को छोड़ ये सीट बीजेपी की परंपरागत सीट रही है। हालांकि 2009 का लोकसभा चुनाव बीजेपी के लिए सबसे मुश्किल रहा है। बीजेपी के कद्दावर नेता मुरली मनोहर जोशी यहां सिर्फ 17 हजार वोटों से चुनाव जीत पाए।
बात करें जातीय समीकरण की तो इस सीट पर करीब साढ़े तीन लाख वैश्य, ढाई लाख ब्रह्मण, तीन लाख से ज्यादा मुस्लिम, डेढ़ लाख भूमिहार, एक लाख राजपूत, दो लाख पटेल, अस्सी हजार चौरसिया को मिलाकर करीब साढ़े तीन लाख ओबीसी वोटर और करीब 1 लाख दलित वोटर हैं। साफ है फिलहाल जाति गणित तो बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी के पक्ष में ही दिख रहा है।