नई दिल्ली: टीवी पर कांग्रेस का जाना-पहचाना चेहरा रहीं प्रियंका चतुर्वेदी ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। मथुरा में अपने साथ कथित तौर पर बदसलूकी करने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ हुई अनुशासनात्मक कार्रवाई को निरस्त किए जाने से नाराज प्रियंका ने यह फैसला लिया है। इसके साथ ही उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पार्टी के प्रवक्ता होने का उल्लेख भी हटा दिया। प्रियंका ने मथुरा में कथित तौर पर बदसलूकी करने वाले कार्यकर्ताओं को फिर से पार्टी में वापस लिए जाने पर खुलकर विरोध दर्ज कराया था। कांग्रेस से इस्तीफा देकर प्रियंका ने शुक्रवार को ही शिवसेना का दामन थाम लिया।
2010 में जॉइन की थी कांग्रेस
प्रियंका का जन्म 19 नवंबर 1979 को मुंबई में हुआ था। उनकी शुरुआती शिक्षा सेंट जोजफ हाई स्कूल में हुई। प्रियंका ने मुंबई के जाने-माने नरसी मोंजी कॉलेज से कॉमर्स में ग्रैजुएशन किया है। उन्होंने 2010 में कांग्रेस जॉइन की थी और 2012 में युवा कांग्रेस की उत्तर-पश्चिमी ईकाई की महासचिव भी चुनी गई थीं। प्रिंयका को 2013 में कांग्रेस का राष्ट्रीय प्रवक्ता चुना गया और तभी से वह सोशल मीडिया से लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया तक में पार्टी की बातों को रखती थीं। 2016 में प्रियंका को भारत की 10 उभरती हुई महिला नेताओं में से एक चुना गया था।
ट्वीट कर जताई थी नाराजगी
प्रियंका ने बीते 17 अप्रैल को ट्वीट कर कहा था, ‘बड़े ही दुख की बात है कि पार्टी खून-पसीना देकर काम करने वालों की बजाय मारपीट करने वाले गुंडों को अधिक वरीयता देती है। पार्टी के लिए मैंने अभद्र भाषा से लेकर हाथापाई तक झेली, लेकिन फिर भी जिन लोगों ने मुझे पार्टी के अंदर धमकी दी, उनके खिलाफ कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं।’ रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रियंका राफेल मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए मथुरा में थीं, जहां पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने उनके साथ कथित तौर पर बदसलूकी थी।
कार्रवाई निरस्त होने पर भड़कीं प्रियंका
रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रियंका चतुर्वेदी की शिकायत पर इन कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। लेकिन बाद में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि कार्यकर्ताओं द्वारा खेद प्रकट करने के बाद उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई को निरस्त किया जा रहा है। बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के इस कदम से नाराज प्रियंका ने ट्वीट करने के साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को अपनी नाराजगी से अवगत कराया था। लोकसभा चुनावों के बीच प्रियंका का इस्तीफा पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।