प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर दिए गए बयान पर संसद में घमासान खत्म होते ही अब नया धमासान शुरु हो गया है. ये धमासान मचा है कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के एक ट्वीट को लेकर. मामला इतना बढ़ गया कि बीजेपी राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाई है जिस पर राज्यसभा के सभापति वेकैंया नायडू विचार कर सकते हैं.
ग़ौरतलब है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में बयान दिया था कि पीएम मोदी का उनकी देशभक्ति पर सवाल उठाने का मक़सद नहीं था. इसपर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर चुटकी ली थी और जेटली को जेट-लाई (jait-lie) कहा था.
बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया था. उन्होंने कहा था कि राहुल ने वित्तमंत्री का मज़ाक उड़ाया है जो उनकी गरिमा के खिलाफ है. चूंकि राहुल लोकसभा सदस्य हैं इसलिए राज्यसभा के सभापति को ये स्वीकार करना है कि इस प्रस्ताव को स्वीकारना है या नहीं.
इस मामले में बीजेपी को झूठा साबित करने के लिए संसद की कार्यवाही खत्म होने के बाद बुधवार शाम को राहुल ने ट्वीट किया था. ट्वीट में राहुल गांधी ने बीजेपी पर तंज़ करते हुए कहा था कि याद दिलाने के लिए धन्यवाद कि हमारे पीएम जो कहते हैं, उसका वह मतलब नहीं होता या पीएम वह नहीं कहते हैं जो वह असली में समझते हैं.
साथ ही इस ट्वीट में उन्होंने #bjplies हैशटैग के साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली के नाम के साथ भी खेल खेला. उनके नाम की स्पेलिंग बदलते हुए उसे jait-lie लिखा. इसके साथ ही राहुल गांधी ने गुजरात चुनाव रैली के दौरान दिए भाषण और आज संसद में जेटली के दिए बयान का वीडियो भी साझा किया.
मोदी के बयान पर हंगामे के बाद अरुण जेटली ने अपने बयान में कहा, 'पीएम मोदी ने अपने भाषण में पूर्व पीएम मनमोहन या पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की देशभक्ति और निष्ठा पर कोई सवाल नहीं खड़ा किया और न ही उनकी ऐसी कोई मंशा थी. ऐसी कोई भी धारणा गलत है. हम इन नेताओं का सम्मान करते हैं, साथ ही देश के लिए उनकी प्रतिबद्धता को भी मानते हैं.