प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन अफ्रीकी देशों के दौरे के लिए रवाना हो गए हैं। प्रधानमंत्री के इस दौरे के दौरान भारत ब्रिक्स के तहत पहले महाद्वीप में द्विपक्षीय और उसके बाद बहुपक्षीय संवाद स्थापित करेगा। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'रवांडा, युगांडा और दक्षिण अफ्रीका के दौरे से अफ्रीका महाद्वीप के साथ हमारा संबंध और मजबूत होगा।' पिछले कुछ वर्षो में अफ्रीकी देशों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण अनुबंध हुआ है। पिछले चार साल में हमारे देश के राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री अफ्रीका के 23 दौरे कर चुके हैं।
मंत्रालय ने बयान में कहा, 'भारत की विदेश नीति में अफ्रीका को शीर्ष प्राथमिकता दी गई है।' रवांडा और युगांडा के दौरे के दौरान रक्षा और कृषि क्षेत्र में सहयोग मोदी की प्राथमिकता होगी। इसके बाद वह ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के सालाना शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने दक्षिण अफ्रीका जाएंगे। मोदी का अफ्रीका का यह दूसरा दौरा होगा। इससे पहले वह 2016 में मोजाम्बिक, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया और केन्या के दौरे पर गए थे।
प्रधानमंत्री युगांडा में भारतीय समुदाय के सदस्यों को भी संबोधित करेंगे। तिरुमूर्ति ने कहा, "हमें उम्मीद है कि युगांडा को बिजली लाइन और सब-स्टेशन के लिए 14.1 करोड़ डॉलर और कृषि व डेयरी उत्पादन के लिए 6.4 करोड़ डॉलर प्रदान किए जाएंगे।" मोदी अपने दौरे के आखिर में 25 जुलाई को युगांडा से दक्षिण अफ्रीका पहुंचेंगे। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के अलावा, मोदी फरवरी में दक्षिण अफ्रीका की सत्ता संभालने वाले राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स नेताओं का 10वां शिखर सम्मेलन हो रहा है, जिसका विषय 'चतुर्थ औद्योगिक क्रांति में समावेशी विकास और साझी समृद्धि के लिए विकासशील देशों का सहयोग' रखा गया है। ब्रिक्स सम्मेलन में अफ्रीकी देशों के आमंत्रित समूह में रवांडा, युगांडा, टोगो, जांबिया, नामीबिया, सेनेगल, गैबन, इथोपिया, अंगोला और अफ्रीकन यूनियन चेयर शामिल हैं। अन्य आमंत्रित देशों में अर्जेटीना, तुर्की, इंडोनेशिया, जमैका और मिस्र शामिल हैं। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर मोदी वहां चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात करेंगे। यह दोनों नेताओं के बीच एक साल के भीतर तीसरी मुलाकात होगी।