नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के सिलसिले में बुधवार को श्रीनगर का दौरा करेंगे और वहां सांसदों तथा विधायकों से मुलाकात करेंगे। इस दौरान वह राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से मुलाकात कर राजग के घटक दल पीडीपी सहित अन्य दलों के विधायकों से राष्ट्रपति पद के लिये 17 जुलाई को होने वाले चुनाव में अपने लिये समर्थन मांगेंगे।
केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू व जितेंद्र सिंह भी कोविंद के साथ होंगे। कोविंद वहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के सांसदों व विधायकों से मिलेंगे, जो निर्वाचक मंडल का हिस्सा हैं।
भाजपा राज्य में सत्तारूढ़ पीडीपी सरकार की गठबंधन सहयोगी है। जम्मू एवं कश्मीर के प्रभारी व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव राम माधव भी उनके साथ जाएंगे। कोविंद एक दिन बाद चंडीगढ़ जाएंगे, जहां वह भाजपा व सहयोगी अकाली दल के पंजाब व हरियाणा के सांसदों व विधायकों से मिलेंगे। चंडीगढ़ की यात्रा के दौरान कोविंद के साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी होंगी।
राजग उम्मीदवार कोविंद 30 जून को दिल्ली में होंगे और उनके यहां सांसदों से मिलने की संभावना है। नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली वस्तु एवं सेवा कर (GST) की संसद के केंद्रीय हाल में घंटे भर के समारोह में 30 जून की मध्यरात्रि को शुरुआत होगी। इस कार्यक्रम के लिए सांसदों के दिल्ली में मौजूद रहने की उम्मीद है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व एचडी देवेगौड़ा भी विशेष समारोह में मौजूद होंगे।
इससे पहले सोमवार को कोविंद उत्तराखंड पहुंचे, जहां उनका स्वागत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया। उनके साथ केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलौत भी थे। कोविंद ने वहां विधायकों व सांसदों के साथ रावत के आधिकारिक निवास पर मुलाकात की।
कोविंद ने 23 जून को नामांकन-पत्र दाखिल करने के बाद 25 जून को उत्तर प्रदेश से चुनाव के लिए अपना अभियान शुरू किया। कोविंद के खिलाफ कांग्रेस व दूसरी विपक्षी पार्टियों ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को मैदान में उतारा है। कोविंद के राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करने की पूरी उम्मीद है। शिवसेना, पीडीपी सहित राजग के 48.93 फीसदी निर्वाचक मंडल का उन्हें समर्थन हासिल है। मंडल में सांसद व राज्यों के सभी विधायक शामिल हैं।
गठबंधन के बाहर से समर्थन करने वाली पार्टियों में तेलंगाना राष्ट्र समिति (दो फीसदी), एआईएडीएमके (5.39 फीसदी), वाईएसआर कांग्रेस (1.53 फीसदी) व बीजू जनता दल (2.99 फीसदी) शामिल हैं। इस तरह राजग के राष्ट्रपति उम्मीदवार को समर्थन करीब 63 फीसदी हो जाता है। इसमें जनता दल (युनाइटेड) का 1.91 फीसदी योगदान है। मतगणना 20 जुलाई को होगी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त होगा।