नई दिल्ली: राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार ने आज संसद भवन में नामांकन दाखिल किया। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, शरद पवार, सीता राम येचुरी, डेरेक ओ ब्रायन समेत एकजुट हुए 17 विपक्षी दलों के नेता उपस्थित रहे लेकिन राहुल गांधी मौके पर मौजूद नहीं थे। इस मौके पर कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद थे जिसमें कैप्टन अमरिंदर सिंह और हिमाचल प्रदेश के वीरभद्र सिंह मुख्य हैं। मीरा कुमार ने लोकसभा सचिव के सामने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। ये भी पढ़ें: कैसे होता है भारत में राष्ट्रपति चुनाव, किसका है पलड़ा भारी, पढ़िए...
इससे पहले केंद्र सरकार के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद की जाति को लेकर हो रही चर्चा पर दुख व्यक्त करते हुए मीरा ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव जाति के आधार पर नहीं, बल्कि विचारधारा के आधार पर होगा। मीरा कुमार ने हैरानी जताते हुए कहा कि दोनों राष्ट्रपति उम्मीदवारों की उपलब्धियों और योग्यताओं पर बहस के बजाय उनकी जाति पर बहस की जा रही है।
उन्होंने कहा, "उच्च जाति वर्ग से ताल्लुक रखने वाले दो नेताओं के बीच भी पहले राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो चुका है, लेकिन उनकी जाति पर चर्चा नहीं की गई। इस बार जब दो दलित एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं, तो इसे लेकर हर जगह बहुत चर्चाएं हो रही हैं। मेरा मानना है कि जाति को दफना दिया जाना चाहिए और इसे पूरी तरह से भुला दिया जाना चाहिए।"
मीरा कुमार ने कहा, "लोकतांत्रिक मूल्य, सामाजिक न्याय, पारदर्शिता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, समावेशीकरण, जाति प्रथा की समाप्ति, गरीबी उन्मूलन उस विचारधारा का हिस्सा हैं, जो मेरे दिल के करीब है। इसी वजह से मैं इस विचारधारा को साथ लेकर प्रतिस्पर्धा करूंगी।"
मीरा कुमार ने खुद को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के तौर पर चुने जाने के लिए 17 विपक्षी राजनीतिक दलों का आभार जताया। कुमार ने कहा कि उन्होंने दो दिन पहले लिखे पत्र में निर्वाचक मंडल के सभी सदस्यों से अपने लिए समर्थन मांगा है।
मीरा कुमार 30 जून को अहमदाबाद में साबरमती आश्रम से अपना प्रचार अभियान शुरू करेंगी। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि मुझे अहमदाबाद में साबरमती आश्रम से अपना चुनाव अभियान शुरू करना चाहिए। मैं वहां से शुरुआत करूंगी।" साबरमती ही क्यों? इस पर मीरा ने कहा, "हमारे देश में हर कोई साबरमती का महत्व जानता है। साबरमती के संत (महात्मा गांधी) ने हमारे देश के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, इसलिए मैं वहां जाऊंगी।"
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