नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के 20 विधायकों को अयोग्य करार दिया गया है। केंद्र सरकार ने इस मामले में अधिसूचना जारी कर दी है। ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति को सभी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश भेजी थी जिसे राष्ट्रपति ने मंजूर कर लिया है। बता दें कि केजरीवाल सरकार ने अपने 20 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया। विधायकों पर लाभ का पद लेने का आरोप है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अब दिल्ली में इन 20 सीटों पर उपचुनाव होंगे।
20 विधायकों की सदस्यता जाने पर भड़के केजरीवाल
20 विधायकों की सदस्यता जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पहला बयान सामने आया है। केजरीवाल ने कहा, हमारे 20 विधायकों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए गए। उनके ऊपर सीबीआई की रेड की गई फिर भी कुछ नहीं मिला। पूरे देश में केजरीवाल ही करप्ट मिला बाकी सब ईमानदार हैं। जब कुछ नहीं हुआ, तो हमारे 20 विधायकों को डिस्क्वालिफाई कर दिया।
AAP-बीजेपी में डील- अजय माकन
उधर दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने एक तरफ केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की है, तो दूसरी तरफ कहा है कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी में डील हुई...क्योंकि राज्यसभा चुनाव से पहले विधायकों की सदस्यता रद्द नहीं की गई....
इन विधायकों की सदस्यता हुई रद्द-
जिन विधायकों की सदस्यता रद्द हुई हैं उनमें द्वारका से आदर्श शास्त्री, चांदनी चौक से अलका लांबा, कालकाजी से अवतार सिंह, गांधी नगर से अनिल वाजपेई, कस्तूरबा नगर से मदनलाल नजफगढ़ से कैलाश गहलौत शामिल हैं।
क्या है पूरा मामला?
आम आदमी पार्टी ने अपने 20 MLA को संसदीय सचिव बनाया था। संसदीय सचिव बनाने के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। याचिका में संसदीय सचिव का पद लाभ का पद होने का तर्क था और आप के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की गई थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने विधायकों से 17 अक्टूबर तक जवाब मांगा था।
देखिए वीडियो-
आगे क्या होगा?
सदस्यता रद्द होने के बावजूद केजरीवाल सरकार बनी रहेगी
दिल्ली में सरकार बनाने का आंकड़ा 36, अभी आम आदमी पार्टी के पास 66 विधायक
20 विधायकों की सदस्यता रद्द होने से संख्या 46 रह जाएगी
केजरीवाल सरकार के पास बहुमत के आंकड़े से 10 सीटें ज्यादा
20 सीटों पर चुनाव आयोग दोबारा चुनाव कराएगा