नागपुर: विश्व हिंदू परिषद् के पूर्व नेता प्रवीण तोगड़िया ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर अयोध्या में राम मंदिर बनाने के वादे को पूरा नहीं करने के आरोप लगाए। तोगड़िया ने यह कहने के लिए भागवत की आलोचना की कि ‘‘हिन्दू राष्ट्र का मतलब यह नहीं है कि यहां मुस्लिमों के लिए स्थान नहीं है।’’
भागवत ने इस वर्ष सितम्बर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के तीन दिवसीय व्याख्यान के दौरान यह बयान दिया था। भागवत ने कहा था, ‘‘हिंदू राष्ट्र का यह मतलब नहीं है कि मुस्लिमों के लिए कोई स्थान नहीं है। जिस दिन ऐसा कहा जाएगा, हिंदुत्व का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। हिंदुत्व में वसुधैव कुटुम्बकम की बात की जाती है।’’
तोगड़िया ने रविवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं पूछना चाहता हूं कि क्या गौ हत्यारों, लव जिहादियों, कश्मीर के पत्थरबाजों और पाकिस्तानी झंडे फहराने वालों के बिना हिंदुत्व नहीं बचेगा।’’ तोगड़िया ने कहा, ‘‘हम 52 वर्ष पहले आरएसएस में यह जानकर शामिल हुए थे कि यह हिंदू संगठन है। लेकिन अब हमें महसूस होता है कि यह केवल मुस्लिम समुदाय के हितों के लिए चिंतित है।’’
विहिप के पूर्व नेता ने आरोप लगाए कि आरएसएस अयोध्या में राम मंदिर बनाने में रूचि नहीं रखता है। उन्होंने कहा कि मंदिर बनाने की मांग करने के बजाए आरएसएस प्रमुख को प्रधानमंत्री को ‘‘आदेश’’ देना चाहिए कि सरकार संसद में कानून बनाकर राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ करे।
तोगड़िया ने कहा, ‘‘जब एससी/एसटी कानून की बात आती है तो मोदी कहते हैं कि मामले पर संसद निर्णय लेगी न कि अदालतें। लेकिन जब राम मंदिर बनाने की बात आती है तो मोदी पीछे हट जाते हैं और कहते हैं कि इस मुद्दे पर अदालतें निर्णय करेंगी न कि संसद।’’