नागपुर: पूर्व राष्ट्रपति एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रह चुके प्रणब मुखर्जी के यहां अगले माह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक कार्यक्रम में शामिल होने की उम्मीद है। संघ के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरूण कुमार ने बताया, ‘‘हमने भारत के पूर्व राष्ट्रपति को इसके लिए आमंत्रित किया था और यह उनकी महानता है कि उन्होंने कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अपनी सम्मति दे दी है।’’ मुखर्जी को आरएसएस के स्वयं सेवकों के लिए आयोजित संघ शिक्षा वर्ग के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। यह कार्यक्रम सात जून को नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में आयोजित किया जाएगा।
आरएसएस के एक पदाधिकारी ने यहां कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा, ‘‘सात जून को 25 दिन तक चलने वाला प्रशिक्षण पूर्ण हो जाएगा। इसके लिए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को आमंत्रित किया गया था और उन्होंने अपनी सहमति दे दी है। इस बारे में आधिकारिक घोषणा एक-दो दिन में की जाएगी।’’ शहर के रेशमीबाग क्षेत्र स्थित हेडगेवार स्मृति मन्दिर में 25 दिनों का संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष चल रहा है। इस प्रशिक्षण शिविर में देश भर के करीब 708 स्वयं सेवक भाग ले रहे हैं।
वहीं पूर्व राष्ट्रपति द्वारा आरएसएस के कार्यक्रम का न्योता स्वीकार करने के बाद कांग्रेस के एक नेता ने इस पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि 'प्रणव मुखर्जी सांप्रदायिकता और हिंसा को लेकर आरएसएस की भूमिका पर पहले सवाल उठा चुके हैं। आरएसएस को ये बातें बता होंगी। उन्होंने कहा था कि आरएसएस जैसी राष्ट्रविरोधी कोई संस्था नहीं है। इसे देश में नहीं होना चाहिए।'
पिछले सप्ताह रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण हेडगेवार स्मृति मन्दिर गयी थीं और उन्होंने संघ के वरिष्ठ नेता भैयाजी जोशी से मुलाकात की थी। इस साल के शुरू में मुखर्जी ने प्रणब मुखर्जी फाउंडेशन के प्रारंभ होने के अवसर पर संघ के शीर्ष नेताओं को बुलाया था। राष्ट्रपति के रूप में मुखर्जी के कार्यकाल के अंत में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत मुखर्जी से मिले थे। मुखर्जी ने भागवत को राष्ट्रपति भवन में दोपहर भोज के लिए भी आमंत्रित किया था।