नई दिल्ली: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया की किताब में हिंदू आतंकवाद पर खुलासे के बाद बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। प्रज्ञा ने कहा है कि वो पहले से कहती आई हैं कि हिंदू आतंकवाद की स्क्रिप्ट कांग्रेस ने लिखी। मालेगांव ब्लास्ट के आरोप में जेल में रह चुकीं प्रज्ञा ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए उसे भारत में पाकिस्तान का स्लीपर सेल कहा है। प्रज्ञा ठाकुर ने इंडिया टीवी के लोकप्रिय प्रोग्राम आप की अदालत का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें मोहरा बनाया गया।
उन्होंने कहा, “यह जो स्क्रिप्ट है, पहले लिखी जा चुकी थी। मुझे तो केवल मोहरा बनाया गया। यह सच है कि पहले मालेगांव ब्लास्ट 2008 में हिंदू आतंकवाद कह कर हमें अंदर किया और उसके बाद यह हमला हुआ है। इस हमले के बाद भी तत्काल ही कांग्रेस के जो यहां के प्रत्याशी थे दिग्विजय सिंह जी उन्होंने भी हिंदू आतंकवाद कहकर एक पुस्तक का विमोचन किया था। उन्होंने कहा था कि मुंबई पर 26/11 का जो हमला हुआ है यह हिंदुओं और आरएसएस ने किया है।“
प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने आगे कहा, “आज तक मैं ये कहती आई हूं लेकिन कोई नहीं मान रहा था, परंतु जब मारिया जी ने कहा है तो निश्चित रूप से ये मानना ही पड़ेगा। मैं हमेशा ये भी कहती आई हूं कि जो कांग्रेस कहती है उससे हमारे दुश्मन देश का मनोबल बढ़ता है। मुझे ये नहीं पता था कि भारत में रहते हुए इतनी बड़ी पार्टी होते हुए, ये सब लोग पाकिस्तान की योजना पर स्लीपर सेल की तरह काम करते हैं।“
बता दें कि राकेश मारिया ने खुलासा किया था कि लश्कर-ए-तैयबा ने आतंकी अजमल कसाब को हिंदू पहचान देने की साजिश रची थी। लश्कर 26/11 हमले को हिंदू आतंक के रूप में प्रोजेक्ट करना चाहता था इसलिए कसाब के पास एक फर्जी आई कार्ड था।
इस कार्ड पर कसाब का नाम समीर चौधरी था और उसे बेंगलुरु निवासी बताया गया था। आतंकी हमले के बाद कसाब की एक तस्वीर सामने आई थी। इसमें उसकी दांयी कलाई पर लाल रंग का कलावा बंधा हुआ था जिससे वो देखने में हिन्दू लगे।
इस खुलासे के बाद बीजेपी आक्रमक हो गई है क्योंकि जिस वक्त मुंबई हमला हुआ था, उस वक्त महाराष्ट्र और देश में कांग्रेस की सरकार थी। सड़क से संसद तक भगवा आतंकवाद पर हल्ला हो रहा था। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सीधा-सीधा चिदंबरम का नाम लेकर ये आरोप लगाया है कि अब सारा खेल खुलता जा रहा है कि कैसे कांग्रेस, उस वक्त हिंदू आतंकवाद की परिभाषा गढ़ने की कोशिश कर रही थी।