श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला से प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ कर रहा है। फारूक अब्दुल्ला से यह पूछताछ सीबीआई द्वारा कई करोड़ के घोटाले को लेकर हुई दर्ज एफआईआर पर आधारित है। यह एफआईआर वर्ष 2015 में दर्ज कराई गई थी। फारूक अब्दुल्ला से पूछताछ पर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भाजपा पर आरोप लगाया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने आरोप लगाया कि चूंकि भाजपा राजनीतिक रूप से पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला से लड़ने में विफल रही है, इसलिए अब वह सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर उन्हें निशाना बना रही है।
एक बयान में, पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा, "प्रवर्तन विभाग द्वारा फारूक अब्दुल्ला को तलब करना, स्पष्ट रूप से उस एकता का परिणाम है जिसे वह जम्मू-कश्मीर में मुख्यधारा की राजनीतिक दलों के बीच कायम करने में सक्षम रहे हैं। यह एक कीमत है जो भाजपा की विचारधारा और विभाजनकारी राजनीति का विरोध करने पर चुकानी पड़ती है।"
बयान में आगे कहा गया, "हालिया इतिहास इस बात का गवाह है कि कैसे देश भर में विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए भाजपा विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से जबरदस्ती डराने-धमकाने के तरीके आजमा रही है। हाल ही में ईडी द्वारा फारूक अब्दुल्ला को समन जारी करना यही दिखाता है।"
बयान में कहा गया है, "हाल के समन का समय बहुत स्पष्ट है। उनका पिछला समन पिछले साल 5 अगस्त से पहले आया था। आज का समन गुप्कर घोषणा के लिए पीपल्स एलायंस के गठन के तीन दिनों के भीतर आया है, जिसके लिए फारूक अब्दुल्ला ने मोर्चा संभाला है।"
पार्टी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला अधिकारियों के साथ जांच में सहयोग करेंगे। बता दें कि सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ के कोष में अनियमितताओं और गबन के मामले में फारुख अब्दुल्ला और तीन अन्य के खिलाफ श्रीनगर की एक अदालत में कुछ समय पहले आरोप पत्र दाखिल किया था। इसी केस के सिलसिले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों तहत प्रवर्तन निदेशालय यह पूछताछ कर रही है।